dopamine injection uses in hindi or side effect

dopamine  injection uses in hindi dopamine  injection आमतौर पर हर्ट अटैक और लो बीपी के अंदर दिया जाना वाले एक प्रकार का इंजेक्सन होता है। और इसका प्रयोग डॉक्टर की अनुमति के आधार पर ही दिया जाना चाहिए।  बिना डॉक्टर के अनुमति के इस इंजेक्सन का प्रयोग नहीं करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।

dopamine  injection की कितनी मात्रा दी जाएगी । यह मरीज की बीमारी और आयु लिंग आदि के उपर निर्भर करती है। इसकी सही मात्रा को दिया जाना बेहद ही जरूरी होता है वरना यह काफी नुकसान कर सकता है। वैसे भी कोई भी इंजेक्सन बिना डॉक्टर से परामर्श करें यूज नहीं करना चाहिए आप समझ सकते हैं।

dopamine  injection uses in hindi हर्ट फेलियर के अंदर

‌‌‌दिल की विफलता के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते हैं। इस इंजेक्सन का प्रयोग इस बीमारी मे किया जाता है। दिल की विफलता तब होती है जब यह शरीर को उचित मात्रा के अंदर रक्त को पंप करने मे सफल नहीं होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।हर्ट फेलियर आपके दाएं और बाएं दोनों भागों को प्रभावित ‌‌‌कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।यदि हर्ट विफल हो जाता है तो उसके बाद इसके लक्षण तुरंत ही महसूस होने लग जाते हैं। और यदि व्यक्ति को डॉक्टर के पास नहीं लेकर जाया जाता है तो उसकी मौत हो जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

दिल की विफलता के कारण आपके हृदय के कक्ष खिंच सकते हैं और इसकी वजह से अधिक रक्त अंगों तक जाने लगे । इसके अलावा यह स्थिति आमतौर पर कुछ समय रहती है और बाद मे अंगों के अंदर हाथों, टखनों, पैरों, फेफड़ों  आदि मे द्रव भर जाता है।

‌‌‌अब यदि हम दिल के फेलियर की बात करें तो इसके कई सारे प्रकार होते हैं और इनका उपचार भी इनके प्रकार के आधार पर अलग अलग हो जाता है तो आइए जानते हैं दिल फेलियर के प्रकार के बारे मे विस्तार से ।

  • दिल के बाएँ भाग की विफलता के अंदर हृदय की बाईं वेंट्रिकल आपके दिल के निचले हिस्से में स्थित है।और यह आपके शरीर को ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रदान करने का काम करती है। और जब यह विफल हो जाता है तो शरीर को ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिल पाता है। ‌‌‌और इसकी वजह से फेफड़ों के अंदर रक्त जमा होने लग जाता है और इसकी वजह से सांस लेने मे काफी अधिक परेशानी होने लग जाती है।
  • दिल के दाएँ भाग की विफलता के अंदर जब दिल का दायां भाग ठीक तरह  से काम नहीं करता है। तो दिल का दाया भाग विफल हो जाता है। और जब बायां भाग ठीक से काम नहीं करता है तो दाएं भाग को अधिक काम करना पड़ता है जिसकी वजह से यह भी विफल हो जाता है। और ‌‌‌फेफड़ों की समस्या की वजह से भी दिल का दायां भाग विफल हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • डायास्टोलिक हार्ट फेलियर (Diastolic Heart Failure) तब होता है जब आपका हर्ट संकुचित होने लग जाता है जिसकी वजह से आपके शरीर को पूरी तरह से रक्त नहीं मिल पाता है और इसकी वजह से फेफड़ों और पैरों मे द्रव भरने लग जाता है।

‌‌‌दोस्तों यदि हम हर्ट फेल के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं। जिसकी मदद से आप यह पहचान सकते हैं कि आपका हर्ट फैल हो रहा है। और यदि आप इसका समय पर उपचार नहीं करवाते हैं तो उसके बाद आपको ही नुकसान हो सकता है। और जीवन से हाथ धोना पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌अब हम आपको हर्ट फैलियर के लक्षणों के बारे मे बताने वाले हैं ।जिसकी मदद से आप हर्ट फैल को आसानी से पहचान सकते हैं।और उसके बाद आप जल्दी से जल्दी डॉक्टर के पास जाएं तो आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे मे
  • अत्यधिक थकान
  • अचानक वजन बढ़ना
  • भूख ना लगना
  • लगातार खांसी होना
  • अनियमित पल्स
  • पेट में सूजन होना
  • सांस लेने में परेशानी होना
  • पैरों और टखनों सूजन
  • गर्दन की नसों का उभड़ना

हार्ट फेल होने के कारण की बात करें तो इसके कई सारे कारण होते हैं। इसके बारे मे हम आपको बताने वाले हैं। तो आइए जानते हैं उन कारणों के बारे मे ।

  • कोरोनेरी धमनियों की बीमारी (Coronary Artery Disease) दोस्तों यह वह धमनियां होती हैं जोकि हर्ट तक रक्त और ऑक्सीजन पहुंचाती हैं यदि यह काफी कमजोर हो जाएं या संकुचित हो जाएं तो हर्ट तक जरूरी चीजें नहीं पहुंच पाएंगी । और यह विफल हो जाएगा ।
  • कोरोनेरी धमनी यदि अचानक से रूक जाता है तो इसकी वजह से दिल तक जाने वाला रक्त रूक जाता है। और इसकी वजह से इंसान की मौत हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ समझ सकते हैं।
  • कार्डिओमाइओपेथी (Cardiomyopathy) दोस्तों शराब पीनें और नशीले पदार्थों का सेवन करने से हर्ट की धमनियां काफी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और इसकी वजह से भी दिल की विफलता हो सकती है।
  • उच्च रक्तचाप की यदि आपको समस्या है तो इसकी वजह से हर्ट को अधिक रक्त पंप करना पड़ता है। और इसकी वजह से हर्ट की धमनियां काफी मोटी और कमजोर हो जाती हैं। और इसकी वजह से भी दिल की विफलता हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। ‌‌‌यदि आपको अधिक रक्तचाप की समस्या है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका आपको पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।
  • मायोकार्डिटिस (Myocarditis) एक प्रकार की ऐसी समस्या होती है जिसके अंदर मांसपेशियों के अंदर सूजन आ जाती है और इसकी वजह से दिल विफल हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • जन्म से ही हृदय सम्बंधित कोई समस्या जैसे हृदय के कक्ष या हृदय के वॉल्व में समस्याएं हैं तो इसकी वजह से भी हर्ट की विफलता हो सकती है। क्योंकि इसकी वजह से हर्ट को काफी अधिक काम करना पड़ता है जिसकी वजह से हर्ट विफल हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌दोस्तों यदि आपके हर्ट के वाल्व किसी वजह से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जैसे कि संक्रमण आदि की वजह से तो आपके हर्ट को काफी अधिक काम करना पड़ता है। जिसकी वजह से हर्ट फैल हो सकता है। यदि हर्ट के वाल्व क्षतिग्रस्त हो जाते हैं तो इसका समय पर इलाज किया जाना जरूरी होता है। नहीं तो इंसान की ‌‌‌मौत तक हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।वैसे जो कृत्रिम वाल्व का प्रयोग किया जाता है वह कुछ समय के लिए उपयोगी होते हैं उनमे संक्रमण काफी जल्दी ही फैल जाता है।
  • मायोकार्डिटिस (Myocarditis) एक प्रकार की समस्या होती है। इसके अंदर हर्ट की मांसपेशियों के अंदर सूजन हो सकती है। और यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो इसकी वजह से दिल की विफलता भी हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपके दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है तो इसकी वजह से भी दिल की विफलता हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जब आपके दिल की धड़कन काफी बढ़ जाती है तो इसकी वजह से हर्ट को अधिक काम करना पड़ता है। जिससे कि दिल की विफलता हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। ‌‌‌इसके अलावा यदि दिल की धड़कन कम हो जाती है तो दिल तक सही मात्रा मे रक्त नहीं पहुंच पाता है इसकी वजह से भी दिल की विफलता हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • ऐसे वायरस जो हृदय की मांसपेशियों को प्रभावित करें, हृदय सम्बंधित गंभीर संक्रमण, एलर्जिक प्रतिक्रिया, फेफड़ों में रक्त के थक्कों की वजह से हर्ट फैल हो सकता है। यदि आपको किसी भी तरह के हर्ट फैल होने के लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको ‌‌‌ उसका पालन करना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌अब बात आती है कि हम हर्ट फैल होने से कैसे रोक सकते हैं तो दोस्तों यदि आप सही चीजों का उपयोग करते हैं तो आप आसानी से हर्ट फैल होने से रोक सकते हैं। आप रोजाना व्यायाम करें और अपने वजन को कम करें। वजन को कम करने से हर्ट के फैल होने की समस्या को रोका जा सकता है। और अच्छे आहार का सेवन करें । इसके ‌‌‌ अलावा कुछ ऐसे टिप्स भी हम आपको बता रहे हैं जिसकी मदद से आप हर्ट फैल होने से रोक सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । तो आइए जानते हैं इन टिप्स के बारे मे विस्तार से आप समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

‌‌‌सबसे पहली बात यदि आप शराब का सेवन करते हैं तो इससे हर्ट फैल होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं। इसलिए आपको चाहिए कि आप शराब का सेवन कम करें । आपके लिए शराब का सेवन करना हर्ट फैल होने के जोखिम को बढ़ाने का काम करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌इसके अलावा यदि आप शराब को छोड़ सकते हैं तो आपको शराब छोड़ देनी चाहिए । यदि आप नहीं छोड़ सकते हैं तो शराब का सेवन करना आपको कम कर देना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।

हाई बीपी और डायबिटीज का नियंत्रण रखना बहुत ही जरूरी होता है। यदि आपके अंदर हाई बीपी की समस्या है तो आपको इसको नियंत्रित करने के बारे मे उपाय करने चाहिए इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं तो इसके लिए भी आपको जांच करवाने की जरूरत होती ‌‌‌ है। यह सब आपके लिए हर्ट फेल  का कारण बन सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों आजकल निष्क्रय जीवन शैली हो चुकी है। यदि आप व्यायाम नहीं करते हैं तो इसकी वजह से आपके शरीर के अंदर अनेक तरह की परेशानियां होने लग जाती हैं। तो आपको रोजाना व्यायाम करने की आदत डाल लेनी चाहिए । बैठे बैठे काम करने से अनेक बीमारियां शरीर के अंदर होने लग जाती हैं। इसके बारे मे आपको पता ‌‌‌ होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

‌‌‌इसके अलावा यदि आप तनाव के अंदर रहते हैं तो इसकी वजह से भी हर्ट फेल हो सकता है। आपको अपने तनाव को कम करने के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है। यदि आप खुद तनाव को कम नहीं कर सकते हैं तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए । डॉक्टर आपको तनाव को कम करने की दवा देंगे ।

‌‌‌अब यदि हम हर्ट फैल होने के जांच की बात करें तो जब आप हर्ट की समस्या को लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर सबसे पहले लक्षणों के बारे मे जांच करते हैं। यदि हर्ट की समस्या के जैसे लक्षण नजर आते हैं तो फिर डॉक्टर आपको आगे की जांच करवाने के लिए कह सकते हैं।

वह स्टैथौस्कोप की मदद से देखेंगे की आपके फेफड़ों में जमाव है या नहीं । इसके अलावा आपके पेट के अंदर द्रव का संचय है या नहीं  ? इन सब चीजों को देखने के बाद ही वे कोई निर्णय देंगे । इसके अलावा वे आपको कुछ टेस्ट करने के लिए कह सकते हैं।

एकोकार्डिओग्राम (Echocardiogram) एक प्रकार का टेस्ट होता है। यह आपके दिल का चित्र देता है। जिसकी मदद से यह आसानी से पता चल जाता है कि आपके हर्ट का आकार क्या है ? और आपका हर्ट रक्त को पंप कर रहा है या फिर नहीं कर रहा है। हर्ट के वाल्व आदि की समस्या के बारे मे इसकी मदद से ही पता चलता है। ‌‌‌इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

आपके गुर्दे, लिवर और थाइरोइड के कार्य को देखने के लिए आपके रक्त की जांच की जाएगी और इसकी मदद से दिल की विफलता के बारे मे आसानी से पता चल जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

एलेक्ट्रोकार्डिओग्राम (ईसीजी) भी डॉक्टर करने को कह सकता है। इसकी मदद से दिल की धड़कन के बारे मे पता जल जाता है।इसके ‌‌‌ लिए आपके हर्ट पर इलेक्ट्राड को लगाया जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।इसमे आपके दिल के दौरे के दौरान हुई हानि के बारे मे अच्छी तरह से पता चल जाता है।

dopamine  injection uses in hindi ‌‌‌लो ब्लड प्रेसर

dopamine  injection uses in hindi

‌‌‌लो ब्लड प्रेसर के अंदर भी इस इंजेक्सन का यूज किया जाता है। लो ब्लड प्रेसर तब होता है जब ब्लड प्रेसर सामान्य से कम हो जाता है। और इसकी वजह से समस्याएं होने लग जाती हैं। जिसकी वजह से शरीर के दूसरे अंगों तक ठीक तरह से रक्त नहीं पहुंच पाता है। यदि ब्लड प्रेसर  90/60 से कम होने पर इसे लौ ब्लड प्रेशर या मेडिकल भाषा में हाइपोटेंशन  कहा जाता है।

‌‌‌इसकी वजह से आपको चक्कर आ सकता है। इसके अलावा बेहोशी भी हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।  और लो ब्लड प्रेसर कई कारणों से हो सकता है। यह कई बार दवाओं से भी हो जाता है। जिसकी वजह से थकान काफी अधिक महसूस होती है।

‌‌‌यदि हम लो ब्लड प्रेसर के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं। जिसकी मदद से आप पहचान सकते हैं कि आपको लो ब्लड प्रेसर की समस्या हुई है और आप एक बार अपने डॉक्टर के पास जा सकते हैं। और इसका इलाज करवा सकते हैं जोकि आपके लिए सबसे अधिक जरूरी होता है आप समझ सकते हैं।

  • चक्कर आना
  • बेहोशी
  • धुंधला दिखना या लुप्त होती दृष्टि
  • जी मिचलाना
  • थकान

यदि ब्लड प्रेसर जल्दी ही गिर जाता है तो ऐसी स्थिति के अंदर तुरंत इलाज की जरूरत होती है। नहीं तो इंसान की मौत तक हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌अब यदि हम लो ब्लड प्रेसर के कारणों की बात करें तो इसके लिए कई सारे कारण जिम्मेदार होते हैं। सबसे पहले तो कई दवाएं इस प्रकार की होती हैं जो कि आपके ब्लड प्रेसर को लो कर सकती हैं तो आपको इस तरह की दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए आप समझ सकतें हैं।

‌‌‌और इसके अलावा यदि कोई डायबिटीज का मरीज है तो उसका ब्लड प्रेसर काफी लो होने के चांस बन जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

  • ‌‌‌यदि कोई महिला गर्भवति है तो उसको काफी अधिक खून की जरूरत होती है। ऐसी स्थिति के अंदर ब्लड प्रेसर काफी लो हो जाता है। तो आपको उचित पोषक तत्वों की जरूरत होती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि किसी को कोई चोट लग गई है और इसकी वजह से काफी अधिक खून बह गया है तो इसकी वजह से भी ब्लड प्रेसर काफी लो हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । तो ऐसी स्थिति के अंदर अपने डॉक्टर से परामर्श करें ब्लड चढ़ाने की जरूरत हो सकती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि किसी को हर्ट अटैक आता है तो इसकी वजह से ब्लड प्रेसर लो हो जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए आप समझ सकते हैं।
  • कमजोरी और शॉक की स्थिति जो कभी-कभी निर्जलीकरण के साथ होती है
  • और यदि रक्त से जुड़ा किसी तरह का संक्रमण हो जाता है तो इसकी वजह से भी  ब्लड प्रेसर लो हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • टा-ब्लॉकर्स और नाइट्रोग्लिसरीन, । मूत्रवर्धक, ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स और स्तंभन दोष की दवाएं आपके ब्लड प्रेसर को लो कर सकती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌अब आती है बात लो ब्लड प्रेसर से बचाव की तो लो ब्लड प्रेसर से आप कई तरह से बचाव कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । तो आप कुछ चीजों का ध्यान रख सकते हैं और उसकी मदद से आप लो ब्लड प्रेसर के अंदर बचाव कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं उन चीजों के बारे मे विस्तार से ।

  • ‌‌‌यदि आप शराब का सेवन करते हैं तो इसकी वजह से भी ब्लड प्रेसर काफी कम हो जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर शरीर मे पानी की कमी हो जाती है। यदि आपका ब्लड प्रेसर पहले से ही काफी कम है तो फिर आपको शराब का सेवन करना छोड़ देना चाहिए  यह आपके लिए उपयोग नहीं होती है।
  • अनाज, फल, सब्ज़ियां और मछली सहित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाएं यह आपके ब्लड प्रेसर को सही करने मे काफी अधिक मदद करते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • आलू, चावल, पास्ता और रोटी जैसे उच्च कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। यह सब आपके ब्लड प्रेसर को कम कर सकते हैं इसलिए नमक जैसी चीजों का आपको अधिक सेवन करना चाहिए आप करेले का जूस ले सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा आप अधिक चाय पी सकते हैं क्योंकि चाय और कॉफी के अंदर कैफीन होता है जोकि आपके ब्लड प्रेसर को बढ़ाने मे काफी मदद करता है।

‌‌‌अब बात आती है कि यदि किसी की बीपी लो है तो इस बात का कैसे पता चलेगा तो हम आपको इसके बारे मे कुछ जानकारी देदेते हैं। जिससे कि समस्या ठीक हो जाएगी ।

‌‌‌इसके अंदर मरीज का प्लस रेट लिया जाता है। यदि रक्तचाप कम होता है या पल्स की दर बढ़ जाती है

  • ‌‌‌सबसे पहले आपका ब्लड टेस्ट किया जा सकता है। इसकी मदद से भी यह पता चल जाता है कि आपका ब्लड प्रेसर लो है। और आपको इलाज की जरूरत है।
  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) करने की सलाह भी आपके डॉक्टर दे सकते हैं।
  •  ईको टेस्ट  के अंदर आपकी छाती का अल्ट्रासाउंड टेस्ट किया जाता है।

‌‌‌लो ब्लड प्रेसर को दूर करने के उपाय के बारे मे हम आपको बताने वाले हैं। वैसे यदि आपका ब्लड प्रेसर काफी कम हो जाता है तो आप डॉक्टर के पास जा सकते हैं और डॉक्टर की मदद से ब्लड प्रेसर की दवा ले सकते हैं जोकि आपके ब्लड प्रेसर को सही कर देंगे ।

लेकिन दवा कोई स्थाई समाधा नहीं है। जब तक कि आप ‌‌‌ अपने खान पान के अंदर स्थाई तौर पर बदलाव नहीं करेंगे तब तक कुछ भी नहीं हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आप कुछ चीजों का ध्यान रख सकते हैं जिससे कि आप घरेलू उपचार से मामूली ब्लड प्रेसर को ठीक कर सकते हैं। ‌‌‌तो आइए जानते हैं इस तरह के उपायों के बारे मे जिसकी मदद से आप आसानी से ब्लड प्रेसर को सही कर सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

  • दोस्तों यदि किसी इंसान की बीपी काफी अधिक लो रहती है तो उसे नमक का प्रयोग करना चाहिए । नमक उसके लिए काफी अधिक फायदेमंद होता है। नमक का प्रयोग करने से बीपी की समस्या को सही किया जा सकता है। हालांकि जिन लोगों की बीपी काफी हाई रहती है उनको नमक का सेवन नहीं करना चाहिए । ‌‌‌लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अधिक से अधिक नमक खाना शूरू कर देना चाहिए । क्योंकि अधिक नमक का सेवन आपके दिल की विफलता का कारण बन सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपकी बीपी काफी कम रहती है तो आपको अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए । पानी का सेवन आपकी बीपी को ठीक करने मे काफी मदद कर सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
  • ‌‌‌इसके अलावा आपको दबाव वाले मौजों का सेवन करना चाहिए  यह मौजे आपके पैरों मे सूजन को दूर करने का काम करता है। इसके अलावा यह रक्त के थक्कों को बनने से भी रोकने का काम करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • मीडोडराइन (ओर्वेटन) जैसी दवाओं का यदि आप सेवन करते हैं तो इसकी वजह से भी रक्तचाप को अधिक किया जा सकता है। असल मे जब रक्तचाप काफी कम हो जाता है तो उसके बाद रक्तचाप को बेहतर करने के लिए दवा का सेवन किया जाता है। लेकिन जैसा कि हमने आपको बताया रक्तचाप को बढ़ाने का का दवा सही तरीका नहीं है।

dopamine  injection uses in hindi ‌‌‌ ‌‌‌शॉक के अंदर

शॉक, शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की स्थिति हो सकती है। आमतौर पर यदि शॉक लग जाता है तो शरीर के अंगों तक अच्छी तरह से खून नहीं पहुंच पाता है। और इसकी वजह से कोशिकाओं को पोषण नहीं मिल पाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌और इसकी वजह से व्यक्ति की स्थिति काफी अधिक बिगड़ने लग जाती है। और यदि स्थिति के अंदर तुरंत इलाज नहीं किया जाता है तो इंसान की मौत तक हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

शॉक के लक्षणों की यदि हम बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं जिसकी मदद से आप इसको पहचान सकते हैं। और शॉक लगने वाले इंसान को जल्दी ही डॉक्टर के पास लेकर जा सकते हैं और आप अपनी समस्या को हल करवा सकते हैं। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार से है। बेहोशी, नब्ज असामान्य होना, शुगर कम होना, दिल की धड़कन ‌‌‌मे समस्या होना, मुंह सूखना, चक्कर आना, सांस फूलना, पेशाब कम आना, छाती में दर्द

‌‌‌अब यदि उपर दिये गए लक्षण किसी को दिखाई देते हैं तो उसे जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपना इलाज करवाना चाहिए । यह सबसे अधिक जरूरी होता है। यदि इलाज समय पर नहीं किया जाता है तो इसके अंदर मौत हो सकती है।

एलर्जी, जलना, बहुत अधिक खून बह जाना और शरीर मे जहर का जाना हर्ट फैल होना आदि की वजह से शॉक लग सकता है। और यदि शॉक लग जाता है तो शरीर मे पानी की कमी आने लग जाती है और शरीर को उर्जा बनाए रखनें के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। ऑक्सीजन के नहीं मिलने की वजह से शरीर की कोशिकाएं मरने लग जाती है। ‌‌‌ और उसके बाद यदि समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो तो इंसान की मौत होना तय होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌अब यदि हम शॉक के इलाज की बात करें तो इसका इलाज आमतौर पर शॉक के कारणों के आधार पर किया जाता है। यदि इंसान के शरीर के अंदर खून की कमी हो चुकी है तो उसको और अधिक खून चढ़ाया जाता है। इसके अलावा इन्फेक्सन की वजह से शॉक लग जाती है तो इसके लिए खून को चढ़ाया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना ‌‌‌ चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

dopamine  injection uses in hindi लगाना कब सुरक्षित होता ह

दोस्तों dopamine  injection को यदि आप लगा रहे हैं तो यदि आपका डॉक्टर इस इंजेक्सन के बारे मे आपको पर्ची पर लिखकर देता है और उसके बाद आप इसको लगाते हैं तो यह काफी अधिक सुरक्षित होता है। आपको चाहिए कि आप इसको अपनी मनमर्जी से कभी ‌‌‌ भी ना लगाएं । और यदि आप यह इंजेक्सन को लगाते हैं और उसके बाद आपको किसी तरह का साइड इफेक्ट देखने को मिलता है। तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।

dopamine  injection कहां से हम ले सकते हैं

dopamine  injection  को यदि आप खरीदना चाहते हैं तो यह अपने आस पास के मेडिकल स्टोर पर बहुत ही आसानी से मिल जाएगा । यदि आपको यह मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलता है तो आप इसको आसानी से ऑनलाइन खरीद सकते हैं। यह आपको मिल जाएगा । ‌‌‌लेकिन हम आपको एक बार फिर बता दें कि इसका उपयोग आपको तभी करना चाहिए जब आपका डॉक्टर आपको इसके बारे मे लिखकर देता है। यदि आपका डॉक्टर आपको इसके बारे मे लिखकर नहीं देता है तो फिर आपको इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए । नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है।

dopamine  injection को कितना लगाना चाहिए ?

दोस्तों dopamine  injection को आपको सही तरह से लगाना काफी जरूरी होता है। इसकी सही मात्रा को आपके डॉक्टर ही तय करते हैं। आप इसके बारे मे अपने डॉक्टर से बात करें और आपके डॉक्टर आपको जो मात्रा बताते हैं उतनी ही मात्रा के अंदर आपको इसका प्रयोग करना होगा । ‌‌‌यही आपके लिए काफी फायदेमंद होगा । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और यही आपके लिए सही है।

dopamine  injection का उपयोग क्या गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं?

dopamine  injection का उपयोग वैसे तो गर्भवति महिलाएं कर सकती हैं। लेकिन इसके उपयोग के बारे मे आपको सावधान रहने की जरूरत है। बिना डॉक्टर की अनुमति के इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए । नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको ‌‌‌ पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं। तो यदि आप किसी और तरह की दवाएं ले रहे हैं तो फिर आपको इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए । यह आपके लिए नुकसान कर सकती है।

dopamine  injection का उपयोग क्या स्तनपान करने वाली महिलाएं कर सकती हैं ?

हां dopamine  injection  का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाएं कर सकती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन इस इंजेक्सन का प्रयोग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें । ‌‌‌ और इस संबंध मे आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं। और यदि इंजेक्सन के लेने के बाद यदि किसी तरह का साइड इफेक्ट होता है तो उसके बाद भी आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना होगा ।

dopamine  injection का उपयोग करने से गुर्दे पर क्या असर पड़ सकता है ?

दोस्तों dopamine  injection  का यूज करने से गुर्दे पर वैसे तो किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ता है। लेकिन यदि आप गुर्दे से जुड़ी किसी बीमारी से झूझ रहे हैं या आप दवाएं ले रहे हैं तो फिर आपको इस इंजेक्सन का प्रयोग करने से पहले ‌‌‌ अपने डॉक्टर को पूरी बात बता देनी चाहिए । और उसके बाद ही इस इंजेक्सन का प्रयोग करना चाहिए । नहीं तो यह नुकसान कर सकता है।

dopamine  injection की खुराक यदि छूट जाती है तो क्या करें ?

दोस्तों यदि dopamine  injection  की खुराक छूट जाती है तो आपको कभी भी दो इंजेक्सन का एक साथ प्रयोग नहीं करना चाहिए । नहीं तो आपको इसका नुकसान हो सकता है। यदि एक खुराक छूट गई है तो फिर आपको दूसरी खुराक के बारे मे सोचना होगा । और पहली ‌‌‌खुराक को आप जानें दें । तभी आपके लिए सही होगा ।और आप एक बार अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। आपको उसका पालन करना चाहिए आप समझ सकते हैं।

dopamine  injection का यूज करने से लिवर पर क्या असर पड़ता है ?

दोस्तों यदि आप dopamine  injection  का यूज कर रहे हैं तो इससे आपके लिवर पर किसी तरह का कोई भी असर नहीं पड़ता है। आपका लिवर पूरी तरह से सुरक्षित होता है। और यदि आपको किसी तरह की लिवर से जुड़ी ‌‌‌समस्या है और आप दवाएं ले रहे हैं तो आपको इस इंजेक्सन का यूज करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उनका पालन करना चाहिए ।

dopamine  injection का हर्ट पर क्या असर पड़ता है ?

दोस्तों यदि आप dopamine  injection  का यूज कर रहे हैं तो आपके हर्ट पर इसका कोई भी बुरा असर नहीं पड़ता है। बाकि आप यदि कोई हर्ट से जुड़ी दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो इस इंजेक्सन का प्रयोग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें । ‌‌‌ और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

dopamine  injection लेने के बाद क्या गाड़ी और मशीन चला सकते हैं?

dopamine  injection यदि आपने लिया है तो बेहतर यही होगा कि आपको कुछ समय तक आराम करना चाहिए और उसके बाद ही किसी मशीनरी और गाड़ी के उपर काम करना चाहिए । यदि आप आराम नहीं करते हैं तो आपके लिए सही नहीं होगा । ‌‌‌ और हो सकता है कि आपको चक्कर आ जाएं । इसलिए कुछ समय के लिए आपको आराम करना चाहिए । यही सबसे अधिक जरूरी है आप समझ ही गए होंगे ।

dopamine  injection का ओवर डोज होने पर क्या करें

देखिए वैसे तो dopamine  injection  का ओवर डोज होने का चांस नहीं होता है। लेकिन यदि गलती से ओवरडोज हो भी चुका है तो फिर आपको चाहिए कि आप जितना जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन ‌‌‌ करना चाहिए । कई बार इंजेक्सन का ओवर डोज काफी डेंजर हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । इसलिए बेहतर यही है कि आपको अपने इंजेक्सन के ओवर डोज से बचना होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।

dopamine  injection को कहां पर स्टोर करना चाहिए

दोस्तों dopamine  injection  को आपको सही तरह से स्टोर करना जरूरी होता है। आप समझ सकते हैं। यदि आप सही तरह से स्टोर नहीं करते हैं तो यह खराब हो सकता है। सबसे पहली बात तो आपको इसको किसी भी तेज धूप के अंदर नहीं रखना चाहिए ।

‌‌‌दूसरी बात आपको इसको फ्रीज के अंदर भी नहीं रखना चाहिए । यदि आप इसको फ्रीज के अंदर रखते हैं तो उसकी वजह से भी यह खराब हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए आप फ्रीज के अंदर भी इसको ना रखें । इसके अलावा आपको इसको बच्चों की पहुंच से तो कम से कम दूर रखना ही है।

‌‌‌क्योंकि जो बच्चे होते हैं वे इस इंजेक्सन को ले सकता है और खराब कर सकते हैं या फिर वे इसको निगल सकते हैं जिससे कि काफी समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

dopamine  injection एक्सपायरी होने के बाद क्या करें

दोस्तों dopamine  injection  यदि एक्सपायरी हो चुका है तो उसके बाद आपको इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।  क्योंकि इस तरह की दवा का उपयोग करना काफी डेंजर हो सकता है। इसलिए एक्सपारी इंजेक्सन का उपयोग आपको नहीं करना है। इस तरह के इंजेक्सन को ‌‌‌ आप अपने घर से दूर ही रखें तभी फायदा होगा वरना कोई भी फायदा नहीं होगा । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

dopamine  injection का उपयोग क्या दर्द को कम करने के लिए किया जा सकता है ?

इसके बारे मे जानकारी नहीं है। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से बात करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उनका पालन करना चाहिए।  यही आपके लिए सबसे अच्छा और सबसे सुरक्षित तरीका हो सकता है। आप समझ सकते हैं।

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