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70+ गणेश के पर्यायवाची शब्द जो आपको अभी याद करने है

दोस्तो इस लेख मे हम जानेगे की गणेश का पर्यायवाची शब्द ‌‌‌ ganesh ka paryayvachi shabd अथवा गणेश जी के समानार्थी शब्द ganesh ji ke samanarthi shabd क्या होते है साथ ही इस लेख से जानकारी मिलेगी की गणेश कौन थे और इनकी उत्पत्ति कैसे हुई थी । इसके अलावा गणेश के बारे मे बहुत कुछ जानकारी हासिल करने को मिलेगी ।

गणेश का पर्यायवाची शब्द ‌‌‌अथवा गणेश जी के समानार्थी शब्द {ganesh ka paryayvachi shabd athva ganesh ji ki samanarthi shabd}


शब्द {shabd}
शब्द {shabd}
पर्यायवाची शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd}
‌‌‌गणेशविघ्नेश, गजानन, हस्तिमुख, लम्बोदर, हेम्बर, विघ्नेश्वर, दैमातुर, गजवदन, एकदन्त, शंकरसुवन, मूषकवाहन, गजबदन, अंबिकेय, गौरीनंदन, गणपति, गणनायक , शिवसुत, विनायक, महाकाय, गजास्य, विघ्नराज, वक्रतुंड, वक्रतुण्ड, मूषकवाहन, उमासुत, मोददाता, शूर्पकर्ण, द्वैमातुर, ढुंढिराज, गजवक्त्र, बालगणपति, यशस्कर, गणाध्यक्ष, महाबल, सर्वदेवात्मन,एकाक्षर, सर्वसिद्धांत, ओमकार, गणाध्यक्षिण, लम्बकर्ण, यज्ञकाय, बुद्धिप्रिय, महेश्वर, गजवक्र, द्वैमातुर, विकट, लम्बकर्ण, अवनीश, महागणपति, चतुर्भुज, लम्बोदर, प्रमोद, कृपाकर, वीरगणपति, मृत्युंजय, बुद्धिप्रिय, बुद्धिनाथ, कपिल, गजकर्ण, उमापुत्र, देवेन्द्राशिक, गणपति, प्रथमेश्वर , निदीश्वरम, वक्रतुण्ड, शूपकर्ण, कृष्णपिंगाश, रुद्रप्रिय, गदाधर, गौरीसुत, भुवनपति, सिद्दिविनायक
GaneshVignesh, Gajanan, Hastimukh, Lambodar, Hember, Vigneshwar, Daimatur, Gajvadan, Ekadanta, Shankarsuvan, Mousekavahana, Gajabadan, Ambikeya, Gaurinandan, Ganapati, Countnayak, Shivsut, Vinayaka, Mahakaya, Gajasya, Vighna, Vakrutva, Vakratunda, Moddata, Shoorpakarna, Dvaimatur, Dhundhiraj, Gajavaktra, Balaganpati, Yashaskar, Ganadhyaksha, Mahabal, Sarvadevatman, Monoakshara, Sarvasiddhant, Omkar, Ganadhyakshain, Lambakarna, Yajnakaya, Intellectual, Maheshwar, Gajvakra, Dvaimatur, Vikata, Lambakarna, Avneesh, Mahaganpati, Chaturbhuj, Lambodar, Kripakar, Pranabhuj, Lambodar, Mrityunjaya, Buddhipriya, Budhinath, Kapila, Gajkarna, Umaputra, Devendrashik, Ganapati, Prathameshwar, Nidiswaram, Vakratunda, Shupakarna, Krishnapingash, Rudrapriya, Gadadhara, Gaurisut, Bhuvanapati, Siddivinayak.
Ganesh in Englishvignesh, Gajanan, Handsome, vigneshwar, Daimatura, Gajavadan, Ekadanta, Shankarsuvan , Mousekavahan, Gajabadan, Ambike, Gauri Nandan, Ganapati, Ganayak, Shivasut, Vinayaka, Mahakaya, Gajasya, Vighnaraj, Vakratunda, Vakratunda, Mousekavahana, Umasutam, Moddata, Shurpakarna, Dvaimatur, Dhundhiraj, Gajavaktra, Balaganpati, Yashaskar, Ganadhyaksha, Mahabal, Sarvadevatman, Monoakshara, Sarvasiddhant, Omkar, Ganadhyakshain, Lambakarna, Yajnakaya, Intellectual, Maheshwar, Gajvakra, Dvaimatur, Vikata, Lambakarna, Avneesh, Mahaganpati, Chaturbhuj, Lambodar, Kripakar, Pranabhuj, Lambodar, Mrityunjaya, Buddhipriya, Budhinath, Kapila, Gajkarna, Umaputra, Devendrashik, Ganapati, Prathameshwar, Nidiswaram, Vakratunda, Shupakarna, Krishnapingash, Rudrapriya, Gadadhara, Gaurisut, Bhuvanapati, Siddivinayak .

70+ भगवान गणेश के पर्यायवाची शब्दो की लिस्ट || List of synonyms of Lord Ganesha

1.            विघ्नेश (Vighnesh)

2.            गजानन (Gajanan)

3.            हस्तिमुख (Hastimukh)

4.            लम्बोदर (Lambodar)

5.            हेम्बर (Hembar)

6.            विघ्नेश्वर (Vighneshwar)

7.            दैमातुर (Daimatur)

8.            गजवदन (Gajavadan)

9.            एकदन्त (Ekadant)

10.          शंकरसुवन (Shankarsuvan)

11.          मूषकवाहन (Mooshakvahan)

12.          अंबिकेय (Ambikey)

13.          गौरीनंदन (Gaurinandan)

14.          गणपति (Ganapati)

15.          गणनायक (Gannayak)

16.          शिवसुत (Shivsut)

17.          विनायक (Vinayak)

18.          महाकाय (Mahakay)

19.          गजास्य (Gajasya)

20.          विघ्नराज (Vighnaraj)

21.          वक्रतुंड (Vakratund)

22.          मूषकवाहन (Mooshakvahan)

23.          उमासुत (Umasut)

24.          मोददाता (Modadata)

25.          शूर्पकर्ण (Shurpakarn)

26.          द्वैमातुर (Dvaimatur)

27.          ढुंढिराज (Dhundhiraj)

28.          गजवक्त्र (Gajavaktra)

29.          बालगणपति (Balaganpati)

30.          यशस्कर (Yashaskar)

31.          गणाध्यक्ष (Ganadhyaksh)

32.          महाबल (Mahabal)

33.          सर्वदेवात्मन (Sarvadevatman)

34.          एकाक्षर (Ekakshar)

35.          सर्वसिद्धांत (Sarvasiddhant)

36.          ओमकार (Omkaar)

37.          गणाध्यक्षिण (Ganadhyakshin)

38.          लम्बकर्ण (Lambakarn)

39.          यज्ञकाय (Yajnakay)

40.          बुद्धिप्रिय (Buddhipriya)

41.          महेश्वर (Maheshwar)

42.          गजवक्र (Gajvakra)

43.          द्वैमातुर (Dvaimatur)

44.          विकट (Vikat)

45.          लम्बकर्ण (Lambakarn)

46.          अवनीश (Avanish)

47.          महागणपति (Mahaganpati)

48.          चतुर्भुज (Chaturbhuj)

49.          लम्बोदर (Lambodar)

50.          प्रमोद (Pramod)

51.          कृपाकर (Kripakar)

52.          वीरगणपति (Veerganpati)

53.          मृत्युंजय (Mrityunjay)

54.          बुद्धिप्रिय (Buddhipriya)

55.          बुद्धिनाथ (Buddhinath)

56.          कपिल (Kapil)

57.          गजकर्ण (Gajakarn)

58.          उमापुत्र (Umaputra)

59.          देवेन्द्राशिक (Devaendrashik)

60.          गणपति (Ganapati)

61.          प्रथमेश्वर (Prathameshwar)

62.          निदीश्वरम (Nideeshwaram)

63.          वक्रतुण्ड (Vakratund)

64.          शूपकर्ण (Shupakarn)

65.          कृष्णपिंगाश (Krishnapingash)

66.          रुद्रप्रिय (Rudrapriya)

67.          गदाधर (Gadadhar)

68.          गौरीसुत (Gaurisut)

69.          भुवनपति (Bhuvanpati)

70.          सिद्दिविनायक (Siddhivinayak)

71.          देवेन्द्राशिक (Devaendrashik)

‌‌‌गणेश का हिंदी में अर्थ क्या होता है || what is the meaning of ganesh in hindi

  1. ‌‌‌ऐसा बालक जो सबसे प्रिय हो ।
  2. बुद्धि के भगवान।
  3. हाथी के मुख वाले भगवान।
  4. हाथी की सूंड वाले ‌‌‌यानि गजानन।
  5. ‌‌‌जिनकी माता गौरी हो यानि गौरी पुत्र ।
  6. मूषक की सवारी करने वाले यानी मूषकराज ।
  7. जीसके पास धन और निधि का अधिकारी हो यानि धन और निधि के दाता ।
  8. ‌‌‌प्रथम पुजा जाने वाला भगवान यानि प्रथम पुज्य ।
  9. जीसके कान बडे हो यानि बडे कान वाले देव ।
  10. जीसके एक ही ‌‌‌दांत हो यानि एकदंत ।
  11. देवो के देव महादेव के एक पुत्र ।
  12. जीसके शरीर का रंग स्वर्ण के सामन चमकता हो यानि स्वर्ण ।
  13. ओम के आकार वाले ।
  14. रिद्धि और सिद्धि के पति ।
  15. जिन्हे आदिदेव कहा जाता है क्योकी इन्होने हर युग मे अवतार लिया ।
  16. लड्डू जीनका प्रिय भोजन हो ।

‌‌‌गणेश का पर्यायवाची शब्द के वाक्य में प्रयोग, Use of Ganesha’s synonym in a sentence

  • ‌‌‌देवो के देव महादेव के पूत्र गणेश का जन्म ‌‌‌नही हुआ बल्की उन्हे बनाया गया है ।
  • रिद्धि और सिद्धि के जो स्वामू है वे भगवान गजानन है इस कारण से गणेश की पूजा करनी चाहिए ।
  • कहते है की लम्बकर्ण जी ने एक बार नही बल्की युगो युगो मे अवतार लिया था जीसके कारण से इन्हे आदिदेव भी कहा जाता है ।
  • मा ‌‌‌जब से भगवान ओमकार की पूजा करने लगी है घर मे सुख और शांति छाई रहती है ।
  • तुम्हारे घर मे मूषकवाहन रूठ गए है तो उन्हे मानाना होगा तभी अन्य देव तुम्हारे काम आएगे ।
  • महेश ने शिव के साथ साथ लम्बोदर की भी पूजा बडे जोरो सोरो से की ।
  • आज दिपावली है और तुम पूजा करने के लिए बैठ गए मगर विघ्नेश्वर जी को याद नही किया तुम्हे पता नही क्या गणेश प्रथम पुज्य है ।
  • अरे भाई गणपति को प्रथम पुजने का वरदान मिला हुआ है तभी उनकी प्रथम पुजा होती है और फिर दूसरे देवो की होती है ।
  • बुडिया के घर के सामने मंदिर होने के कारण से वह रोजाना गणेश के दर्शन करने के लिए आती है और एक तुम हो मंदिर के पुजारी के बेटे होने के ‌‌‌बाद भी प्रथमेश्वर की पूजा करने के लिए आते हो ।

गणेश के बारे मे महत्वपूर्ण रोचक जानकारी, Important interesting information about Ganesha

  • ‌‌‌मनुष्य में सात कुण्डलिनी चक्र पाए जाते है जिनमे अलग अलग देवताओ का निवास बताया जाता है और कहते है की प्रथम चक्र मे भगवान गणेश वास करते है ।
  • महाभारत लिखने वाले महर्षि व्यास नही थे बल्की वे तो बोलने का काम कर रहे थे और इसे लिखी तो किसी और ने ‌‌‌थी । यानि महाभारत को लिखने वाले एक देव थे जीनका ‌‌‌नाम गणेश था ।
  • आपको जान कर हेरानी होगी की जब गणेश जी ने महाभारत लिखनी शुरू की तो उनके पास लिखने के लिए पैन नही थी क्योकी उस समय पैन ही हुआ करती थी मगर उनके पास उस समय कुछ और भी नही था तो उन्होने अपना एक दांत तोड कर महाभारत लिखनी शुरू कर दी ।
  • ‌‌‌कहते है की गणेश ने हर युग मे अवतार लिया है जीसके कारण से इन्हे आदिदेव भी कहा जता है ।
  • भगवान गणेश के जो कान  है वह ज्ञान हासिल करने का संकेत देते है क्योकी लम्बे कान किसी बात को आसानी से सुनने मे सक्षम होते है ।
  • कंजीटेन नाम भी श्री गणेश जी का है इस नाम से गणेश जी को भारत मे नही बुलाया जाता ‌‌‌बल्की गणेश को इस नाम से जापान मे जाना जाता है ।
  • दुनिया के बहुत से जगहो पर गणेश की प्रतिमा होने का दाव है और यह सत्य भी है क्योकी बहुत से देशो मे इनकी प्रतिमा मिल भी गई है वे देश है अमेरीका, अफगानिस्तान, थायलैंड, श्रीलंका, जापान आदी ।
  • गणेश केवल भारत मे ही नही बल्की श्रीलंका जैसे देशो मे ‌‌‌इन्हे गणपति के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ होता है गणो का स्वामी ।
  • गणेश के हाथी का सिर है क्योकी कुछ कथाओ के अनुसार बताया जाता है की गणेश के पिता यानि शिव ने क्रोध मे उनका सिर काट दिया था और फिर हाथी का सिर लगा कर वापस जीवित किया गया था ।
  • ‌‌‌आपको जानकारी होगी की भगवान गणेश की पूजा पृथ्वी मे सबसे पहले होती है इसका कारण गणेश स्वयं है क्योकी उन्होने अपनी बुद्धि का प्रयोग कर कर शिव के चारो और चक्कर लगा दिया जीसके कारण से उन्हे प्रथम पुज्य का वरदान प्राप्त हुआ ।

‌‌‌‌‌‌गणेश कोन है, who is ganesh

गणेश जी को गजानन्द के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ होता है की जिसका मुख गज का हो । यह गजानन्द भगवान शिव के पुत्र के रूप मे जाने जाते है । ऐसा इस कारण से है क्योकी माता पार्वती ने ही गणेश को जन्म दिया था तो शिव ‌‌‌के गणेश पुत्र हुए । इसी तरह से शिव का एक पुत्र और था जिसका ‌‌‌नाम कार्तिक्य था । और गणेश उसका भाई था ।

इसके अलावा गणेश वे है जीनकी पृथ्वी पर प्रथम पुजा होती है उसके बाद मे ही किसी अन्य देव की पूजा होती है । पृथ्वी पर गणेश को गणपति के नाम से भी जाना जाता है। जिसका अर्थ है गणो का राजा यानि गणो का स्वामी । गणेश का हाथी का शिर होने के कारण से उसके ‌‌‌लंबे कान है जो किसी भी अच्छी बात को जल्दी सुनने के लिए होते है ।

गणेश का जन्म कैसे हुआ, how ganesh was born

गणेश के जन्म के बारे मे अनेक कथाए सुनने को मिलती है । जिसमे अलग अलग कथा के रूप मे गणेश की उत्पत्ति कारण माता पार्वती को ही बताया जाता है । किसी कथा मे कुछ अलग तरह से तो किसी मे किसी अलग तरीके से गणेश की उत्पत्ति होती है मगर सत्य है की गणेश की उत्पत्ति तो ‌‌‌हुई है और वह भी माता पार्वती के कारण ।

शिव पुराण के अनुसार गणेश की उत्पत्ति, Origin of Ganesha according to Shiva Purana

शिवपुराण कहता है की माता पार्वती एक बार स्नान करने के लिए जा रही ‌‌‌थी । क्योकी माता पार्वती हमेशा ही घोर तप करती रहती थी जिसके कारण से उन्हे कई महिने बित जाते मगर वे स्नान नही कर पाती थी । उस दिन भी कुछ ऐसा ही थी माता पार्वती कोई बहुत समय बित गया मगर स्नान नही कर पाई थी । और अब माता पार्वती जब स्नान करने के लिए जा रही थी तो उसने सबसे पहले अपने शरीर का ‌‌‌मेल उतार दिया ।

अब मेल बहुत ही अधिक था जीसे देख कर माता पार्वती को लगा की जब मैं स्नान करने के लिए जाउगी तो द्वार पर कोन रहेगा ताकी कोई भी अंदर नही आ सकेगा । ‌‌‌तभी उसने सोचा की अब तो शिव भी यहां नही है । ऐसा सोचते सोचते उन्होने गणेश के लिए उस मेल का पुतला बना दिया । और फिर उस पुतले मे ‌‌‌प्राण ‌‌‌डाल दिए थे ।

प्राण ‌‌‌डाल sदेने के कारण से ‌‌‌पुतला एक साधारण बच्चे की तरह दिखने लगा था मगर वह अपने बचपन से कुछ बढा था उसे ज्ञान की बात मालूम थी । तब माता पार्वती ने उसे समझाया की मैंने तुम्हारा जन्म किया है इस कारण से मैं तुम्हारी माता हूं और तुम्हे मेरी आज्ञा माननी है ।

बच्चा बडा ही समझदार ‌‌‌था इस कारण से उसने माता पार्वती की बात मान ली और वह द्वार पर बैठ गया और मात पार्वती स्नान करने के लिए चली गई थी । उस समय माता पार्वती ने उस बालक का नाम गणेश रखा था । ‌‌‌इस तरह से माता पार्वती ने अपने मेल से गणेश को बनाया था ।

गणेश चालीसा के अनुसार स्वयं गणेश का जन्म, Birth of Ganesha himself according to Ganesha Chalisa

कहते है की पार्वती के कोई भी पुत्र नही था और शिव जो थे वे ज्यादातर अपने ध्यान या भग्तो मे लगे रहते थे । जिसके कारण से पार्वती अपने आप को अकेला महसुस करती थी । तब माता पार्वती ने एक बालक की इच्छा जताई । यह सोचते ही वह तप करने के लिए बैठ गई । और उसने ‌‌‌घोर तप करना शुरू कर दिया था ।

तप इतना अधिक था की उन्हे गणेश के जन्म का वरदान मिला । मगर यह बालक गणेश उनके गर्भ से नही होगा बल्की ऐसे ही उत्पन्न होगा जो साधारण रूप से बडा होगा और उसे ज्ञान होगा । यह सुन कर माता पार्वती प्रसन्न हो गई । क्योकी उसे इस तरह का बालक ही चाहिए था जो उसकी बात मान ‌‌‌कर उसकी बात समझ कर कार्य कर सके। इस वरदान के बाद मे माता पार्वती के घर में भगवान गणेश का जन्म हुआ था।

‌‌‌गणेश ने मुषक को अपना वाहन कैसे बनाया, How Ganesha made Mushak his vehicle

गणेश पुराण में बताया गया है की एक बार क्रोंच नाम का एक गंधर्व हुआ करता था । वह बहुत ही शरारती थी और हर किसी के साथ शरारत करता रहता था । उसकी इस शरारत के कारण से हर कोई परेशान था । मगर कोई उसका कुछ नही कर पा रहे थे  । इसी तरह से एक बार मुनि वामदेव और क्रोंच दोनो ‌‌‌के अलावा और भी बहुत से देव देवता वहां पर गए हुए थे  ।

सभी अपने अपने आसन पर विराजमान थे और मुनी वामदेव भी अपने आसन पर विराजमान थे । तभी अचानक मुनी वामदेव के पेरो पर क्रोंच का पैर लग गया । यह देख कर मुनी क्रोधित होकर क्रोंच को श्राप देकर मुषक में बदल दिया । यह सब देख कर सभी परेशान हो गए । ‌‌‌क्योकी मुषक ‌‌‌तो मुनी ने बना दिया था मगर वह विशाल था ।

क्योकी अब फिर से श्राप देकर उसे छोटा नही बनाया जा सकता था क्योकी अब उसकी कोई गलती नही थी । मगर अपने विशाल रूप के कारण से क्रोंच अपनी शरारत के कारण से वेसे ही लोगो को तंग करता रहता था । ‌‌‌क्रोंच के विशाल होने के कारण से कोई भी उसका कुछ नही बिगाल पा रहे थे । मगर एक बार गणेश ने उसे सबक सिखाने के लिए उसका पिछा करना शुरू कर दिया ।

अब क्रोंच अपने विशाल रूप और अपनी शक्तियो के कारण से गणेश को हराने के लिए भागने लगा था । मगर गणेश हार नही मान रहे थे इसी तरह से बहुत समय के बाद मे ‌‌‌क्रोंच ही थक गया मगर गणेश नही थक पाए थे । जिसके कारण से गणेश ने क्रोच को पकड लिया। अब क्रोंच की हालत इतनी अधिक खराब थी की वह गणेश के पैरो मे आ गिरा ।

अब क्रोंच को लगा की गणेश उन्हे मार डालेगे । तो उसने गणेश से अपने किए की माफी मागी और गणेश से प्रथना करने लगा  । यह देख कर गणेश उसे माफ कर दिया ‌‌‌तब गणेश ने क्रोंच को वरदान देना चाहा मगर क्रोंच को अब भी अपने आप पर घंमड था जिसके कारण से उसने स्वयं तो वरदान लिया नही बल्की गणेश को ही वरदान देने की बात करने लगा ।

गणेश के लंबे कानो के कारण से उसने क्रोंच के मन की बात जान ली और उससे वरदान के रूप मे अपना वाहन बनने को कहा । गणेश की बात सुन कर ‌‌‌क्रोंच ने अपने आप को गणेश का वाहन बनने का वरदान दे दिया । इस तरह से गणेश का वाहन क्रोंच नाम का मुषक था। जो की ‌‌‌श्राप के कारण से मुषक बना था ।

क्या भगवान गणेश मानव के लिए उपयोगी है || Is Lord Ganesha useful to human

जी हां, बहुत से ऐसे कारण होते है जिनके आधार पर यह कहना गलत नही हो सकता है की भगवान गणेश जो है वह मानव के लिए जरूरी है ।

दरसल हमारे पूराणे जो ग्रंथ ओर पुराण है उनके अंदर हमे भगवान गणेश के बारे में काफी कुछ बताया गया है । इनके ज्ञान के बारे में भीबताया गया है और बहुत कुछ इनके बारे में जानने को मिल जाता है ।

वैसे जो कुछ हमने आपको उपर जानकारी दी है उनके आधार पर भी आप यह कह सकते है की मानव के लिए भगवान गणेश उपयोगी है ।

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