गुप्त शत्रु से बचने के बेह​तरीन 19 उपाय के बारे मे जानकारी

गुप्त शत्रु से बचने के उपाय gupt shatru nashak mantra ,दोस्तों आपको पता ही है कि हमारे जीवन के अंदर कई तरह के लोग शत्रु होते हैं। और यह हमें काफी अधिक परेशान करते हैं। चलो सामने आकर यदि कोई शत्रु आपके उपर वार करता है तो हो सकता है कि आप सचेत हो जाएंगे।  लेकिन असल मे आजकल क्या हो गया है कि सामने आकर वार कोई भी नहीं करना चाहता है। हर कोई गुप्त तरीके से वार करना चाहते हैं । इसका मतलब यह है कि वे इस बात का इंतजार करते हैं कि कब उनको मौका मिले और आपके उपर वार कर दें ।इस तरह के शत्रु को गुप्त शत्रू के नाम से जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।

और गुप्त शत्रु हमें सबसे अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं क्योंकि यह जो होते हैं वे हमपर घात लगाकर हमला करते हैं जोकि काफी अधिक घातक साबित होता है। आप इस बात को समझ सकते हैं। अब यदि आपको भी लगता है कि​ आपका कोई गुप्त शत्रु  है तो फिर आपको कुछ उपाय करने चाहिए  जिससे कि आप गुप्त शत्रु पर विजय प्राप्त कर सकते हैं तो आइए जानते हैं उस उपाय के बारे मे ।

गुप्त शत्रु से बचने के उपाय gupt shatru nashak mantra बजरंगबाण का पाठ करें

दोस्तों यदि आपको गुप्त शत्रु काफी अधिक परेशान कर रहे हैं तो आपको यह उपाय करना चाहिए । यह उपाय आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आपको करना यह है कि किसी भी मंगलवार से ही यह उपाय शूरू कर देना होगा । उसके बाद इस उपाय के अंदर आपको हनुमानजी की मूर्ति को स्थापित करना होगा । और फिर उसके आगे एक घी का दीपक जलाना होगा । फिर बजरंगबाण का पाठ करना होगा ।यदि आप यह उपाय रोजाना करते हैं तो उसके बाद धीरे धीरे आपके जो शत्रु हैं वे शांत हो जाएंगे । यह एक अच्छा उपाय है जिसको आप कर सकते हैं और यह आपके लिए फायदेमंद भी होगा ।

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।

तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

चौपाई :

जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥

जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥

जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥

आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥

बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥

अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥

लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥

अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥

जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥

जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥

ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥

जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥

बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥

भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥

इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥

सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥

जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥

पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥

बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥

जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥

जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥

चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥

उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥

ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥

ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥

अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥

यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥

पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥

यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥

धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥

दोहा :

उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।

बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥

नमक से शत्रु का नाश करना

दोस्तों यदि आपको शत्रु काफी अधिक परेशान कर रहा है तो फिर आप यह उपाय कर सकते हैं यह आपको काफी अधिक फायदा देने का काम करेगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।वैसे यह उपाय आप किसी भी दिन कर सकते हैं। सबसे पहले आपको स्नान कर लेना है और खुद को शुद्ध कर लेना होगा । और उत्तर की ओर मुख करके बैठ जाएं । साफ-सुथरे जमीन पर अपना उपयोग किया गया रुमाल रखें । और उसके उपर एक मूठी नमक आपको रख देना है। और उतना ही काले तिल को भी आपको रख देना होगा ।

उसके बाद उस पोटली को अपने सिर पर रखें और 21 बार घड़ी की दिशा मे घूमाएं और 21 बार ही मंत्र का जाप करें ।

उसके बाद जब काम पूरा हो जाए तो आपको करना यह है कि उस पौटली को अपने शत्रु के धर के आगे गाड़ देना होगा । या फिर आप उस पोटली को शत्रु के आंगन मे फेंक सकते  हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आपको ऐसा करते समय कोई देखे नहीं । और वापस आते समय आपको पीछे मुड़कर भी नहीं देखना है। बस यदि आप ऐसा करते हैं तो आपका शत्रु से पीछा छूट जाएगा । यह एक अच्छा उपाय है जिसका प्रयोग आप कर सकते हैं यह आपके लिए काफी अधिक फायदा देगा ।

॥ ॐ नमो कालिका शत्रुविनाशिनी फट स्वाहा ॥

आपको बतादें कि इस प्रयोग के प्रभाव से कुछ ही समय के अंदर आपका शत्रु काफी अधिक भयभीत हो जाएगा  और उसके बाद वह आपका विरोध करना बंद कर देगा । यह एक अच्छा उपाय है जिसकी मदद से आप अपने शत्रु को कमजोर कर सकते हैं।

और लेकिन यदि आपके शत्रु को यह​ पता चल जाता है कि आपने यह सब किया है तो फिर आपका प्रयोग सफल हनीं हो पाएगा । और उल्टा पड़ जाएगा । इ​सलिए शत्रु को इसके बारे मे पता नहीं चलना चाहिए । तभी यह काम करेगा । नहीं तो कोई काम  नहीं करेगा ।

दुश्मन को शांत करने के जबरदस्त उपाय

दुश्मन को शांत करने के जबरदस्त उपाय

दोस्तों यदि  आपको दुश्मन काफी अधिक परेशान कर रहे हैं। खास कर यदि आपको गुप्त दुश्मन परेशान कर रहे हैं तो आप यह उपाय कर सकते हैं। जिसके बाद आपको दुश्मन परेशान करना बंद कर देंगे । इसके अंदर आपको करना यह है कि  38 दाने काली उड़द की दाल के और 40 चावल को आपस मे किसी गडडे मे मिला दें ।उसके बाद आपको उपर से नींबू को निचोड़ देना होगा ।यदि आप ऐसा उपाय करते हैं तो फिर आपके दुश्मन शांत हो जाएंगे । इस तरह से आप एक उपाय कर सकते हैं जोकि आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा ।

गुप्त दुश्मन को शांत करने का उपाय

दोस्तों यदि आप अपने दुश्मन को शांत करना चाहते हैं तो फिर आप यह एक उपाय कर सकते हैं। इसके लिए आपको करना यह है कि नियमित रूप से हनुमानजी की पूजा करनी होगी । और एक दीपक जलाना होगा ।और उसके बाद बजरंबाण का पाठ करें गुड़ का भोग लगाएं और गुलाब का फूल चढ़ाएं । यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके दुश्मन अपने आप ही शांत हो जाएंगे ।

शत्रु का नाम लिखकर उसका नाश करना

दोस्तों यदि कोई शत्रु आपको बिना वजह के ही परेशान कर रहा है तो फिर आप यह उपाय कर सकते हैं। इसके अंदर आपको करना यह है कि शनिवार या मंगलवार के दिन को चुनना होगा ।हनुमामंदिर के अंदर जाएं और उनके मस्तक के सिंदूर से मोर पंख पर अपने शत्रु का नाम लिखना होगा ।

उसके बाद उस मोर पंख को आपको अपने घर के मंदिर मे रखना होगा । और सुबह उठने के बाद उसको बिना नहाए ही बहते पानी के अंदर बहा देना होगा । बस यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको काफी अधिक फायदा होगा और आपका शत्रु आपके उपर हावी होना बंद हो जाएगा । वह शांत हो जाएगा ।

दुश्मन को शांत करने का जबरदस्त तरीका

दोस्तों यदि आपका गुप्त शत्रु आपको काफी अधिक परेशान कर रहा है तो फिर आप यह उपाय कर सकते हैं जोकि आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।

शनिवार की रात को आपको यह उपाय करना होगा । आपको 7 लौंग को लेना है और उसके बाद उसके उपर 21 बार फूंक मारना होगा ।इस दौरान अपने दुश्मन का नाम भी उतनी ही बार लें ।उसके बाद रविवार के दिन उन सभी लौंग को आपको जला देना होगा । और यह टोटका आपको 7 शनिवार तक करना होगा ।

गुप्त शत्रु को खत्म करने का उपाय

दोस्तों यदि आप अपने गुप्त शत्रु को खत्म करना चाहते हैं तो आप यह उपाय कर सकते हैं। यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके अंदर आपको करना यह है कि ‘नृसिंहाय विद्यहे,वज्र नखाय धीमही तन्‍नो नृसिंह प्रचोदयात्’ मंत्र का 108 बार जाप करें

यदि आप इस मंत्र का रोजाना जाप करते हैं तो उसके बाद धीरे धीरे आपके जो गुप्त शत्रु हैं वे समाप्त होने लग जाएंगे । यह एक अच्छा उपाय है जिसका प्रयोग आप कर सकते हैं। और आपको काफी अधिक फायदा होगा ।

शत्रु के पतन के लिए उपाय

gupt shatru nashak mantra

दोस्तों यदि आप गुप्त शत्रु के पतन के बारे मे सोच रहे हैं तो यह उपाय आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके अंदर आपको करना यह है कि अमावस्‍या या रविवार की रात को ये उपाय करें। और दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके बैठ जाएं और सामने मां काली का एक चित्र आपको लगा देना होगा ।उसके बाद आपको मां काली का पूजन करना होगा ।

जब पूजा पूरी हो जाती है तो उसके बाद एक नींबू पर सिंदूर शत्रु का नाम आपको लिखना होगा ।और फिर नीचे दिये गए मंत्र का 11 माला जाप करना होगा । उसके बाद आपका काम हो जाएगा । यह एक अच्छा उपाय है जोकि आपको फायदा दे सकता है।

‘क्रीं क्रीं शत्रु नाशिनी क्रीं क्रीं फट’

गुप्त शत्रु से छूटकारा पाने का उपाय

दोस्तों यदि आपका कोई गुप्त शत्रु है जोकि आपको काफी अधिक परेशान कर रहा है तो फिर आप यह उपाय कर सकते हैं। इसके अंदर आपको करना यह है कि सिंदूर से ओम नाम भोजपत्र पर लिखना होगा । उसके बाद इस भोजपत्र को शहद से भरी हुई शीशी के अंदर डूबो देना होगा । और याद रखें की आपको इसको किसी सुनसान स्थान पर गाड़ देना है। फिर घर आकर हनुमानजी से प्रार्थना करनी है कि आप अपने शत्रु को शांत करें ।

इस तरह से आप एक छोटे से उपाय की मदद से अपने शत्रु को शांत कर सकते हैं।

गुप्त शत्रु से जल्दी ही छूटकारा पाने का उपाय

इस प्रयोग के अंदर आपको कृष्ण पक्ष में द्वितीय को जिस दिन गुरुवार हो या फिर शनिवार के दिन करना होगा ।सबसे पहले आपको नीचे दिये गए मंत्र का 108 बार जाप करना है। फिर कागज पर शत्रु का नाम लिखना होगा । इसके लिए आपको सफेद कागज को चुनना होगा ।

उसके बाद आपको इस कागज को अच्छी तरह से मोड़ देना होगा । और शुद्ध शहद को आपको लेकर आना होगा । याद रखें नकली शहद नहीं चलने वाला है। शुद्ध शहद को आपको भैरव मंदिर मे उस शीशी को गाड़ देना होगा । बस आपको इतना ही करना है। ऐसा करने के बाद आपकी समस्या हल हो जाएगी ।

और आपका जो शत्रु पीछा कर रहा है वह पीछा करना बंद कर देगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।

ॐ क्षौं क्षौ भैरवय स्वाहा!

चाकू से शत्रु का नाश करना

दोस्तों यदि आपको शत्रु का नाम याद है तो फिर आप यह उपाय कर सकते हैं। इसके अंदर आपको करना यह है कि दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जमीन पर बैठ जाना है । फिर काजल की मदद से शत्रु का नाम गोल आकार मे लिख देना होगा । उसके बाद उस नाम को आपको दो बार चाकू से काट देना होगा । यदि आप ऐसा करते हैं ।तो उसके बाद आपका शत्रु आपसे दूर भाग जाएगा । यह एक अच्छा उपाय है जिसको कोई भी कर सकता है।

इस तरह से आप अपने शत्रु को समाप्त कर सकते हैं। और शत्रु को अपने आप से दूर कर सकते हैं।

गोमती चक्र का प्रयोग शत्रु से छूटकारा पाने के लिए

दोस्तों यदि आपको शत्रु काफी अधिक परेशान कर रहा है तो फिर आपको गोमती चक्र का प्रयोग करना चाहिए । इसके लिए आपको करना यह है कि बुधवार को 5 गोमती चक्र को लेना है और अपने सर से 7 बार उतार कर घर के बारह फेंक देना होगा । यदि आप ऐसा करते हैं तो फिर आपके जो शत्रु हैं उनसे आपको छूटकारा मिल जाएगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।

इस तरीके की मदद से आप किसी भी गुुप्त शत्रु को दूर कर सकते हैं। और यह एक अच्छा उपाय है।

वैजयंती की माला गले मे धारण करें

दोस्तों यदि आप चाहते हैं कि आपके शत्रु आपसे शत्रुता को छोड़दें तो आपको करना यह है कि अपने गले के अंदर वैजयंती की माला को धारण करना होगा । यदि आप ऐसा करते हैं तो काफी अधिक फायदा होगा । और भगवान कृष्ण की आपके उपर कृपा  प्राप्त होगी । आप इस बात को समझ सकते हैं। और आपके जो शत्रु हैं वे शांत हो जाएंगे ।

शत्रु का मूत्र बंद करने का उपाय

दोस्तों यदि आप अपने शत्रु को तड़पाना चाहते हैं तो यह उपाय कर सकते हैं। इसके अंदर आपको करना यह है कि जंहा पर आपके शत्रु ने मूत्र किया है वहां की मिट्टी को लेकर आएं और चमगादड़ के मुख मे डालकर जंगल मे किसी जंग पर डाल देना होाग । यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके शत्रु का मूत्र बंद हो जाएगा । और आपका शत्रु काफी अधिक तड़पने लग जाएगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।

शत्रु को पिड़ित करने का टोटका

शत्रु को पिड़ित करने का टोटका

दोस्तों यदि शत्रु पर आपका किसी तरह का वश नहीं चलता है तो आप यह उपाय कर सकते हैं। यह एक काफी डेंजर उपाय है जिसको आपको सोच समझकर ही करना नहीं चाहिए नहीं तो नुकसान हो सकता है। किसी मरे हुए कोए की हड्डी 3 अंगुल से 7 अंगुल परिमाण की प्राप्त करें । और उसे 1008 मंत्रों से अभिमंत्रित करें और उसके बाद जिस घर के अंदर शत्रु रहता है वहां पर इसको गाड़ देना चाहिए । यदि आप ऐसा करते हैं तो फिर आपका शत्रु काफी अधिक परेशान हो जाएगा । यह एक अच्छा उपाय है।

ओ जां जां जबीं जिंए जूं ठ ठ स्वाहा ।

शत्रु को नष्ट करने का प्रयोग सरसों के तेल से

दोस्तों यदि आपको शत्रु काफी अधिक परेशान करता है तो फिर आपको यह उपाय करने चाहिए । यह उपाय आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।सरसों के तेल में कनेर के पुष्प मिला  मिलादें । और उसके बाद यदि आप नीचे दिये गए मंत्र का 10 हजार बार जाप करते हैं तो फिर शत्रु नष्ट हो जाता है। इस तरह का उपाय गुरू के परामर्श के बाद ही करना चाहिए ।

गुगल धूप का प्रयोग

दोस्तों इस प्रयोग को भी बिना गुरू के परामर्श के नहीं किया जाना चाहिए । यदि आप बिना गुरू के परमार्श के इस प्रयोग को करते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है। इसके अंदर आपको करना यह है कि  इक्कीस टुकड़े गुग्गुलु और 21 कनेर के फूल को लेकर श्मसान मे जाना होगा । उसके बाद चिता की आग मे गुगल और एक कनेर के फूल की मदद से हवन करें । यदि आप ऐसा 21 दिन तक करते हैं तो उसके बाद शत्रु अवश्य ही मर जाता है। यह एक अच्छा उपाय है जोकि आप कर सकते हैं लेकिन बिना गुरू के ना करें ।

ओम् नमः काल भैरो कालिका तीर मार तोड़ बैरी

छाती घोट हाथ काल जो काढ़ बत्तीसी दांती यदि यह न

चले तो नोखरी योगिनी का तीर छूटे मेरी भक्ति गुरु की

शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा ।

शत्रु के विनाश का उपाय

दोस्तों यदि आपको शत्रु का विनाश करना है तो फिर आपको यह उपाय करना होगा ।आप इस उपाय को कर सकते हैं। इसके अंदर आपको करना यह है कि अश्विनी नक्षत्र में घोड़े की चार अंगुल की हड्डी को सबसे पहले लेकर आएं और फिर नीचे दिये गए मंत्र से 1 लाख बार जाप करें । ऐसा हो जाने के बाद  यदि आप इस हड्डी को शत्रु के भवन मे गाड़ देते हैं तो परिवार और शत्रु दोनों का ही विनाश होना शूरू हो जाता है।

ॐ हुँ हुँ फट् स्वाहा ।

शत्रु को नाश करने का हनुमानजी का उपाय

gupt shatru nashak mantra

मंगलवार के दिन आपको यह प्रयोग करना होगा । इसके अंदर आपको 7 पान का बीड़ा और 7 ही लडडु लेकर हनुमानमंदिर मे जाना होगा । उसके बाद वहां पर सबसे पहले हनुमानजी को यह रोजाना अर्पित करें । और फिर दस हजार बार नीचे दिये गए मंत्र का जाप करें । जाप की समाप्ति पर धूप, दीप, नैवेद्यादि से हनुमान् जी का पूजन करे । उसके बाद 41 दिन तक आपको यह प्रयोग करना होगा । उसके बाद आपका यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। फिर आपको करना यह है कि जमीन पर ही शत्रु का पुतला बनाएं और फिर इसकी छाती पर शत्रु का नाम लिखें । उसके बाद 7 बार मंत्र का जाप करें । और फिर यदि आप उस पुतले पर चप्पल से मारंगे तो शत्रु को चोट लगेगी और उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाएगी ।

इस तरह के प्रयोग को करने से पहले एक बार सोच लेना चाहिए । नहीं तो यह आपके लिए बड़े नुकसान का कारण बन सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।

शत्रु के प्राण को करने का मंत्र

दोस्तों यदि आपको शत्रु काफी अधिक परेशान करता है तो आपको यह उपाय करना चाहिए।  इसके अंदर आपको करना यह है कि शान में जाकर भैंसे के चर्मासन पर बैठ काले ऊन से सात रात्रि तक रोजाना 108 बार मंत्र का जाप करें।उसके बाद सवा सेर सरसों से हवन करेंगे तो शत्रु का विनाश हो जाएगा । इस तरह से आप यह उपाय कर सकते हैं आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा ।

लेकिन इस उपाय को करने से पहले एक बार अपने गुरू से परामर्श कर लेना चाहिए और उसके बाद ही यह उपाय करना चाहिए । वरना कोई भी फायदा नहीं होगा ।

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