स्वर्ग का विलोम शब्द या स्वर्ग का विलोम , स्वर्ग का उल्टा क्या होता है ? swarg ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
स्वर्ग | नरक |
Swarg | Narak |
दोस्तों स्वर्ग का विलोम नरक होता है।स्वर्ग का मतलब एक ऐसे स्थान से होता है जहां पर किसी प्रकार का दुख नहीं होता है। और भोग व विलास की अनेक प्रकार की वस्तुएं उपलब्ध होती हैं। जैसे कि भोग के लिए धन खाना पीना और स्त्री होती हैं। यही सब स्वर्ग होता है। हालांकि हर इंसान के लिए स्वर्ग की परिभाषा अलग अलग हो सकती है।जो लोग भोगविलास के अंदर रूचि नहीं रखते हैं उनके लिए स्वर्ग की परिभाषा अलग हो जाती है। लेकिन अधिकतर लोग स्वर्ग का नाम आते ही सुख की कल्पना करते हैं। मुस्लमान तो जन्नत खास कर जाना चाहते हैं क्योंकि वहां पर उनको हूरें मिलती हैं।
एक समय मे धरती भी स्वर्ग जैसी ही हुआ करती थी।धरती पर पूरी तरह से शांति थी लेकिन आज धरती तो नरक से भी भयंकर हो चुकी है। कारण यही है कि इंसान जहां पर भी जाते हैं ना उसी जगह को नरक बनाके दम लेते हैं। इसलिए इंसानों को स्वर्ग के अंदर भी कम ही इंटरी मिलती है। क्योंकि स्वर्ग के अंदर रहने वाले यह पहले से ही जानते हैं कि यदि इंसान यहां पर आ गए तो वे स्वर्ग को भी नरक बना देंगे ।
वैसे स्वर्ग तो हर कोई जाना जाता है लेकिन हमारे साथ समस्या यह है कि हम स्वर्ग जाने लायक बन नहीं पाते हैं। क्योंकि हम अपनी कमियों को आसानी से दूर नहीं कर पाते हैं। यही स्वर्ग जाने के मार्ग मे बड़ी बाधा है।
ऐसा माना जाता है कि इंसान जब मर जाता है तो उसके बाद उसका सूक्ष्म शरीर स्वर्ग के अंदर जाता है। मरे हुए इंसान मे बुद्धि नहीं होती है। यही कारण है कि वह कुछ अच्छी चीजें नहीं कर पाता है। यदि जीवन मे उसने अच्छा किया है तो वह हमेशा ही अच्छा करेगा । या अच्छे विचार उसके अंदर आएंगे । लेकिन यदि उसने अपने जीवन के अंदर बुरा किया है तो फिर वह मरने के बाद नरक मे जाएगा । या वह अपनी वासनाओं को पूरा करने के लिए भटकता फिरेगा । ऐसी स्थिति के अंदर शरीर नहीं होने पर वासना की पूर्ति नहीं कर पाएगा इसी को तो हम भूत के नाम से भी जानते हैं।
भूत का मतलब होता है ऐसी आत्मा जिसकी वासना होती है लेकिन वासना को पूरा करने के लिए उसके पास शरीर नहीं होता है। अब ऐसी आत्मा के लिए भूत शब्द प्रयोग मे होता है। और इस प्रकार की आत्मा नरक मे रहती हैं।
खैर स्वर्ग का तो अपना ही मजा है स्वर्ग का लालच देने वाले लोग यह कहते हैं कि स्वर्ग के अंदर परियां होती हैं जो आपके साथ रहती हैं। और आप उनके साथ समय बीताते हैं। तो आप समझ सकते हैं कि भला परियों के साथ कौन नहीं रहना चाहेगा ? और कहा तो यहां तक जाता है कि वहां कि परियां इतनी अधिक सुंदर होती हैं कि यदि आप उनको देख लें तो आप एक बार मोहित हुए बिना नहीं रह सकते हैं।
नरक का मतलब किसी ऐसे स्थान से होता है जहां पर सिर्फ दुख ही दुख होता है।आपको यह पता होना चाहिए कि मरने के बाद ही नरक नहीं होता है वरन इस धरती पर भी ऐसी कई जगहें होती हैं जहां पर नरक होता है। क्योंकि वहां पर इंसानों के साथ बहुत अधिक बुरा बरताव होता है। लेकिन जो लोग बुरा बर्ताव करते हैं ।तो बाद मे वे अपने उस बुरे संस्कार को भी भोगते भी हैं। तभी तो कहा जाता है कि कर्मों की गति गहन होती है जिसको कोई भी नहीं जानता है। यदि आपने अपने जीवन काल मे अपने दिमाग मे नरक जैसी चीजें भरी हैं तो फिर आप उन नरक जैसी चीजों को झेलने के लिए भी तैयार रहो । यही तो नरक है। एक जीवित इंसान यदि किसी को गाली देता है या फिर बिना बात के प्रताड़ित करता है
चोरी करता है और भी कई तरह की बुरी लते रखते हैं तो यह सब नरक ही है। वह जिंदा रहता है तब तो उसे लगता है कि वह बेहतर जिदंगी जी रहा है लेकिन जैसे ही उसकी मौत हो जाती है । उसके पास ना लड़की होती है ना शराब कुछ नहीं ऐसी स्थिति के अंदर वह दुखी होता हुआ ना जाने कहां कहां भटकेगा । जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया कि मरे हुए इंसान मे बुद्धि नहीं होती है। वह बस यादों का एक पुतला होता है। यदि उसने खराब यादें भरी हैं तो फिर वही यांदे उसके लिए मुश्बित बन जाएंगी और उनसे छूटकारा मिलना मुश्किल हो जाएगा ।
दोस्तों यह किसी भगवान ने नहीं बनाया है वरन नैचुरल रूप से बना है। आपके या मेरे मानने से कुछ नहीं होता है। तो आप समझ सकते हैं कि जिन लोगों ने पहले ही खुद की जिदंगी को नरक बना लिया है तो वै स्वर्ग के अंदर कैसे जा सकते हैं ।
अक्सर एक बात और कही जाती है कि कर्मों को भोगना पड़ता है । यह बात सौ फिसदी सच है। जब हम मर जाते हैं तो फिर हमारे पास नई यादों को रखने का सिस्टम कम हो जाता है। हम अपनी पुरानी यादों मे जीते हैं और अंत मे रिवर्स होते हुए सब कुछ भुलने लग जाते हैं। और जब दूसरे जन्म का समय आता है तो फिर हमे यह याद भी नहीं रहता है कि हम कौन थे और हमारा नाम क्या था । लेकिन वासनाएं जैसे खाने की इच्छा और मैथुन जैसे सब बने रहते हैं । इन्हीं के आधार पर दूसरे शरीर मे प्रवेश करते हैं।
वैसे नरक के बारे मे गरूड पुराण मे काफी भयंकर तरीके से बताया गया है। सही मायेने मे वह सब सच है। कई पापी लोग डर के मारे यही कहते हैं कि गुरूड पुराण ही झूंठा है। कई अनुभव आते हैं जिनमे आत्मा को पिशाच ले जाते हैं और बुरा व्यवहार करते हैं।
इस प्रकार से दोस्तों स्वर्ग और नरक एक तरह से दो प्रकार की सोच होती है। यदि आप अच्छी सोच को जीवन मे रखे हुए हैं तो आपको स्वर्ग मिलेगा और यदि आप गलत सोच जीवन मे पाले हुए थे तो आपको नरक मिलेगा ।
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