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अहंकार का पर्यायवाची शब्द या अहंकार का समानार्थी शब्द

अहंकार का पर्यायवाची शब्द या अहंकार का समानार्थी शब्द (ahankar ka paryayvachi shabd / ahankar ka samanarthi shabd) के बारे में इस लेख में बडे ही विस्तार से बताया गया है। जिसमें अहंकार का अर्थवाक्य प्रयोगरोचक जानकारी आदी है तो लेख देखे 

अहंकार का पर्यायवाची शब्द या अहंकार का समानार्थी शब्द (ahankar ka paryayvachi shabd / ahankar ka samanarthi shabd)

शब्द (shabd)पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd)
अहंकारअभिमान, घमंड, गुमान, गुरूर, आपा, हेकड़ी, दंभ, अहंभाव, अहंमन्यता, अहंकृति, दर्प,  अहं, गर्व, अकड़, अहंवाद,  डींग, शेख़ी,
अहंकार in Hindiabhimaan, ghamand, gumaan, guroor, aapa, hekadee, dambh, ahambhaav, ahammanyata, ahankrti, darp,  ahan, garv, akad, ahanvaad,  deeng, shekhee.
ahankar synonyms in englishego, narcissism, pride, egoism, egotism, flatulence.

‌‌‌अहंकार का अर्थ हिंदी में // Meaning of ego in Hindi

‌‌‌मनुष्य का एक ऐसा भाव जिसमें वह अपने आप को ही श्रेष्ठ समझने लग जाता है और अपने से दूसरो को छोटा मानता है उन्हे मुर्ख समझता है, ऐसी स्थति में स्वयं में अभिमान आ जाता है इसी भाव को अंहकार कहा जाता है । जिसे अनेक नामो से जाना जाता है जो की अंहकार के अर्थ होते है जैसे –

  • स्वयं को श्रेष्ठ ‌‌‌समझने का भाव ।
  • स्वयं पर अभिमान होना ।
  • जिसके मन में अह भाव का जन्म हो जाता है  ।
  • जिसके मन में मैं और केवल मैं जैसा भाव रहता हो ।
  • गर्व होना ।
  • घमंड होना ।
  • अभिमान होना ।

आदी को अहंकार ‌‌‌का अर्थ कहा जाता है ।

‌‌‌अहंकार शब्द का वाक्य में प्रयोग // use of ego in a sentence Hindi

  • रावण में अहंकार का जन्म हो गया तभी उसका अंत हो सका ।
  • अहंकार अंत में मनुष्य को नष्ट कर देता है ।
  • तुम जैसे अहंकारी लोगो से बात करना ही बेकार है ।
  • तुम्हारे पास है कुछ नही और अहंकार ऐसे कर रहे हो जैसे लखपति हो ।

‌‌‌अहंकार के पर्यायवाची शब्दो का वाक्य में प्रयोग

  • आजकल छोटे छोटे बच्चो में भी घमंड पैदा हो जाता है  ।
  • तुम्हे पिता एक गरीब किसान है और तुम घमंड इस तरह से कर रहे हो जैसे तुम्हारा पिता को सुप्रीम कोर्ट का जज हो ।
  • जब तुमने पैसे उधार लिए थे तब तो बडी सरलता से बात कर रहे ‌‌‌थे और अब अपने आप में ‌‌‌अभिमान दिखाने की कोशिश कर रहे हो ।
  • साहब यह ऐसा ही है पता नही क्यो बेवजह अपने आपको श्रेष्ठ बता रहा है ।

‌‌‌अहंकार से जुडे राचक तथ्य // Interesting facts about ego In Hindi

  • ‌‌‌क्या आपको मालूम है की अहंकार एक तरह का भाव है जो की स्वयं को श्रेष्ठ समझने पर आता है ।
  • पुराणो में कहा गया है कि जो कोई अहंकार के वस में चला जाता है उसका अंत निश्चित है ।
  • क्या आपको मालूम है की रावण में भी अहंकार था और वह स्वयं को ज्ञानी व बलशाली मानता था और कहता था की उसका अंत कोई नही ‌‌‌कर सकता और इसी अहंकार के कारण से उसका अंत हुआ ।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा है की जिस व्यक्ति के पास ज्ञान जितना अधिक होगा वह अंहकार से उतना ही दूर होगा और इसी के विपरित अहंकार उसे होता है जिसे ज्ञान न होता हो ।
  • ‌‌‌क्या आपको मालूम है की रावण के पास दस सिर थे और इन्ही सिरो में से एक सिर ऐसा था जिसमें अहंकार समाया हुआ था ।
  • क्या आपको मालूम है की माता सति के पिता राजा दक्ष थे जिनमें काफी अधिक अहंकार समाया हुआ था और ‌‌‌इसी के कारण से एक घटना के दोरान राजा दक्ष को बकरे का सिर लगाया गया क्योकी राजा दक्ष में मैं था जिसे अहंकार कहा जाता है और इसी तरह से बकरा मैं मैं करता है ।
  • ‌‌‌क्या आपको मालूम है की एक बार अर्जुन को भी अहंकार आया था और यह अहंकार कृष्ण भग्ति था मगर कृष्ण ने इस अहंकार को अर्जुन से दूर करा दिया ।

‌‌‌अहंकार क्या है

दोस्तो मनुष्य अपने मन को स्थिर नही रख सकता है और न ही किसी वस्तु का महत्व समझ सकता है । क्योकी संसार में हर उस वस्तु का महत्व होता है जो हमें दिख रही है । और इसी तरह से इस संसार में अनेक तरह के लोग है और उनमे से बहुत ही श्रेष्ठ और विद्वान ‌‌‌देखने को मिल जाते है ।

मगर ‌‌‌कभी कभी मनुष्य अपने मन में एक भाव बैठा लेता है जो केवल मैं का होता है, वह भाव केवल मैं ही श्रेष्ठ हूं, मैं ही इस काम को कर सकता हूं, मैंरे जैसा कोई नही, मै और कैंवल मै, जैसे भाव को जन्म दे देता है और इसे ही अहंकार कहा जाता है।

दूसरे रूप में

इसे इस तरह से समझ सकते है की मानव अपने जीवन में ‌‌‌कभी कभार कुछ ऐसा कर देता है जो दूसरे नही कर सकते और दूसरो से अलग करने के कारण से उसकी खुब वाह वाह होती है । और यही बात उसके दिमाग में बैठ जाती है और वह सोचता है की मैं न होता तो क्या होता है । इस तरह से वह अपने आप पर अभिमान करने लग जाता है और इसे ही अहंकार कहा जाता है ।

‌‌‌तीसरे रूप में इसे इस तरह से समझा जा सकता है की –

वर्तमान में हर किसी को अपना जीवन जीने के लिए धन की जरूरत होती है । मगर ऐसे बहुत से लोग होते है जो रातो रात अमीर बन जाते है । यह कह सकते है की उनके साथ कुछ ऐसा हो जाता है की उन्हे धनवान बना देता है और अधिक पैसे आने पर अपने आपको सबसे अधिक ‌‌‌धनवान समझा जाता है ।

यहां तक तो सब ठिक है मगर वही धनवान के अलावा वह समय के साथ ऐसा बन जाता है की वह पैसो के कारण से कुछ भी कर सकता है । इस तरह से पैसो के कारण से उसे घमंड आ जाता है और जिसे अहंकार होना कहा जाता है ।

अत: अहकार एक तरह का भाव है जो किसी भी मनुष्य में आ सकता है और इस स्थिति में ‌‌‌केवल मैं ही श्रेष्ठ हूं । मेरे जैसा कोई नही है, आदी तरह की धारणा बन जाती है जिसे अहंकार होना कहा जाता है ।

अहंकार कैसे होता है?

दोस्तो अहंकार होने के लिए किसी तरह के कारण की जरूरत नही होती बल्की यह एक तरह का भाव होता है जो की किसी में भी आ सकता है । मगर वर्तमान में कुछ कारण होते है जिसके कारण से अहंकार हो जाता है जैसे –

1. धन की अधिकता

दोस्तो यह एक महत्वपूर्ण कारण होता है की अहंकार आ जाता है मगर ‌‌‌सभी के लिए लागू नही होता की जिसके पास धन अधिक होता है वह अहंकारी होता है । बल्की बहुत से धनवान लोग अहंकार के आस पास तक नही रहते है । मगर ऐसा भी देखा गया है की जिस किसी के पास अचानक धन आ जाता है तो वह अपने आप को श्रेष्ठ मानने लग जाता है । इस तरह से धन की अधिकता के कारण से बनने वाले अहंकार ‌‌‌को धन का अहंकार कहा जाता है ।

इस स्थिति में मनुष्य अपने धन के कारण से ही ऐसा सोचता है की वह सब कुछ कर सकता है जो वह आज तक नही कर सका । यहां तक की धन अधिक होने के कारण से वर्तमान में जॉब भी मिल जाती है जिसके कारण से अहंकार तो होगा ही ।

‌‌‌2. अनोखा काम करना

दोस्तो आज दुनिया में अनेक तरह के काम होते है ‌‌‌जिसे हर कोई नही कर सकता क्योकी हर व्यक्ति अपने जीवन में अलग अलग कार्यो को करने के लिए बना है । और जब कभी कोई साधारण सा व्यक्ति इतना बडा काम कर देता है जिसे कोई भी नही कर सका हो तो इस स्थिति में भी अहंकार आ सकता है । ‌‌‌

क्योकी वह अपने आप में यह सोच बैठा लेता है की अगर मैं नही होता तो यह काम कैसे होता है । और यह मैं शब्द ही अहकार का जन्म करता है । ‌‌‌फिर कभी अगर वह व्यक्ति मैं नही होता तो क्या होता, मैंने वह काम किया वरना वह होता ही नही जैसे शब्दो का प्रयोग करता है तो अहंकार की शुरूआत हो गई है यह कहना गलत नही होगा ।

3. केवल मैं ही कर सकता हूं

‌‌‌दोस्तो क्या होता है की वर्तमान में जब किसी कार्य को ‌‌‌किया जाए और उस कार्य को करने वाला केवल एक ही होता है तो वह अपने आप पर अभिमान करता है मैं जो कर सकता हूं वह कोई नही कर सकता । और इसी कारण से वह अपने कार्य को करने के लिए घमंड दिखाने लग जाता है और अपने कार्य को करने के लिए किमत भी अधिक लेने ‌‌‌लग जाता है ।

अगर फिर उस काम को उस व्यकित से नही कराया जाता है तो वह साफ साफ मना कर देता है की मैं यह काम नही कर सकता हूं । क्योकी उसे मालूम है की इस काम को केवल ‌‌‌मै ही कर सकता हूं मेरे अलावा कोई नही करता है । इस तरह से वह अपने आप पर नाज करता है की और घमंड बन जाता है । इस तरह से भी अहंकार ‌‌‌हो सकता है ।

अंहकार के जन्म होने का कोई विशेष कारण तो होता है मगर उसका पता नही होता और यह हर किसी के लिए लागू भी नही होता है ।

अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है

अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा है की जो भी व्यक्ति अपने जीवन में ज्ञान प्राप्त कर लेता है उसमें अहंकार होने की संभावना उतनी ही कम होती है । और इसी के विपरीत जिस व्यक्ति को ज्ञान नही होता है उसे ‌‌‌ही अहंकार प्राप्त होता है और वह अहंकारी बन जाता है ।

इस तरह से ‌‌‌अहंकार होता है । मगर यह मनुष्य का शत्रु तब बन जाता है जब मनुष्य की सोचने समझने की शक्ति को नष्ट करने लग जाता है और केवल मैं ही हूं, मैं ही सर्वसक्तिमान हूं, मैं ही सब हूं, ‌‌‌जैसी भावना का जन्म होता रहता है और इसी के साथ सोचने समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है ।

जिस तरह से हम रावण का उदाहरण ‌‌‌लेते है तो यह सभी को मालूम है की रावण ज्ञानी था तो अहंकार होना नही चाहिए। मगर जब से उसमें अहंकार रूपी मैं आ गया तब से उसका ज्ञान किसी काम का नही रहा और वह सोचने समझने की शक्ति को नष्ट कर बैठा और मारा गया । इस तरह से कहा जाता है की रावण घमंड के कारण मारा गया था । और इसी तरह से अहंकार मनुष्य ‌‌‌का शत्रु कहलाया ।

उमीद करते है की अहंकार का पर्यायवाची शब्द या अहंकार का समानार्थी शब्द लेख आपको पसंद आया होगा ।

क्या आपने अपने जीवन में सबसे अहंकारी ‌‌‌व्यक्ति को देखा है? बतान न भूले ।

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