levofloxacin tablet  के उपयोग , नुकसान और साइड इफेक्ट

levofloxacin tablet uses in hindi , levofloxacin 500 mg uses in hindi यूरिन इन्फेक्शन, प्रोस्टेटाइटिस, निमोनिया आदि के अंदर levofloxacin tablet का उपयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और इस दवा की जो खुराक होती है वह आमतौर पर अलग अलग आयु और लिंग के आधार पर हो सकती है। जब डॉक्टर इस दवा को पर्ची के अंदर लिखकर देता है तो उसके बाद ही ‌‌‌इस दवा का सेवन किया जाना चाहिए । यदि आप बिना डॉक्टर के इस दवा का सेवन करते हैं तो इसकी वजह से काफी नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

levofloxacin tablet के कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं लेकिन इस दवा के साइड इफेक्ट लंबे समय तक देखने को नहीं मिलते हैं। यदि दवा लेने के बाद किसी तरह के साइड इफेक्ट होते हैं तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना ‌‌‌ चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

levofloxacin tablet uses in hindi , levofloxacin 500 mg uses in hindi

  • यूरिन इन्फेक्शन
  • प्रोस्टेटाइटिस
  • निमोनिया
  • साइनोसाइटिस
  • स्किन इन्फेक्शन
  • ब्रोंकाइटिस
  • प्लेग
  • कॉर्नियल अल्सर
  • आँख आना
  • लाल बुखार
  • किडनी में सूजन

levofloxacin tablet uses in hindi ‌‌‌यूरिन इन्फेक्सन के अंदर

‌‌‌आपको बतादें कि मूत्र मार्ग के अंदर संक्रमण होना एक आम बात होती है। और यह आमतौर पर बैक्टीरिया  और कवक की वजह से होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।और यह जो संक्रमण होता है वह मूत्र मार्ग के अंदर कहीं पर भी हो सकता है यह मूत्र मार्ग और गुर्दे को सबसे अधिक ‌‌‌ प्रभावित करता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

class="wp-block-image size-full">levofloxacin tablet uses in hindi

‌‌‌और यह जो संक्रमण होता है वह आमतौर पर पुरूष और महिलाओं के अंदर होता है लेकिन महिलाओं के अंदर यह संक्रमण काफी अधिक होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक  सही होगा ।

  • मूत्राशय में संक्रमण
  • पेशाब के दौरान दर्द या जलन
  • बदबूदार, और खूनी पेशाब होना।
  • पेट के नीचले हिस्से मे दर्द
  • हल्का बुखार होना ।
  • ठंड से कंपकपी लगना।
  • जी मिचलाना।
  • उल्टी होना।
  • काफी बुखार का होना ।

‌‌‌इस तरह के कुछ लक्षण यदि आपको दिखाई देते हैं तो फिर आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपके डॉक्टर आपको जो निर्देश देते हैं आपको उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌अब यदि हम मूत्र संक्रमण के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण होते हैं। और यह कारण आपको पता होना चाहिए तो आइए जानते हैं इसके कुछ कारणों के बारे मे विस्तार से ।

  • दस्त आना
  • मूत्र का अवरुद्ध प्रवाह।
  • पथरी।
  • गर्भनिरोधक का उपयोग।
  • गर्भावस्था।
  • रजोनिवृत्ति।
  • कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली
  • शुक्राणुनाशकों
  • और एंटिबायोटिक दवाओं की मदद से ।

यूटीआई (यूरिन इन्फेक्शन) से बचाव की यदि हम बात करें तो कुछ टिप्स हम आपको बताना चाहते हैं जिसकी मदद से आप यूरिन इन्फेक्सन से बच सकते हैं तो आइए जानते हैं उन टिप्स के बारे मे विस्तार से जिनको आप फोलों कर सकते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌दोस्तों इसके अंदर सबसे पहली बात तो यह है कि अधिक से अधिक मूत्र का त्याग करने की आदत आपको डालनी होगी । और इसके लिए आपको अधिक पानी भी पीना होगा । यदि आप कम पानी पीयेंगे तो अधिक मूत्र का त्याग कैसे कर सकते हैं ?
  • शराब और कैफीन के सेवन को आप करते हैं तो इसको सेवन करना आपको बंदर कर देना चाहिए । यह दोनों ही चीजें आपको अंदर से कमजोर बनाने का काम करती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और इसकी वजह से मूत्र मार्ग के अंदर संक्रमण होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप अपने साथी के बाद संबंध बनाते हैं तो उसके बाद आपको तुरंत ही पेशाब करना चाहिए । यह आमतौर पर आपके संक्रमण की संभावना को काफी कम करने का काम करता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
  • ‌‌‌इसके अलावा अपने जो गुप्त पार्ट होते हैं उनको समय समय पर साफ करना भी काफी अधिक जरूरी होता है। यदि आप इनको समय पर साफ नहीं करते हैं तो इसकी वजह से समस्या हो सकती है। क्योंकि संक्रमण फैलने का डर रहता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप नहा रहे हैं तो फिर आपको बाथ टब का प्रयोग करने से आपको बचना होगा आप इस बात को समझ सकते हैं। क्योंकि इसके अंदर कई तरह के बैक्टिरिया हो सकते हैं जोकि मूत्रमार्ग के अंदर संक्रमण का कारण बन सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप जन्म नियंत्रण के लिए कुछ दवाओं वैगरह का लंबे समय तक प्रयोग करते हैं तो इसकी वजह से भी आपको काफी अधिक नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा आपको चाहिए कि आप ढीले ढाले वस्त्रों को पहने तभी आपके लिए सही होगा नहीं तो आपके लिए काफी अधिक समस्या होने के चांस हो सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आपको किसी तरह के यूरिन इन्फेक्सन की समस्या दिखाई देती है तो फिर आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों यदि आप अपने डॉक्टर के पास यूरिन इन्फेक्सन की समस्या को लेकर जाते हैं तो उसके बाद आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उनका पालन करें । और वह आपको कुछ परीक्षण करने के लिए कह सकता है। जिससे कि समस्या के बारे मे ठीक तरह से पता चल सके ।

मूत्र मार्ग संक्रमण (यूरिन इन्फेक्शन)यदि किसी मरीज को हो गया है और वह डॉक्टर के पास जाता है तो डॉक्टर उसे परीक्षण की सलाह दे सकते हैं। यूरीन इन्फेक्सन के परीक्षण के अंदर कई तरह के टेस्ट किया जा सकता है जिससे कि समस्या के बारे मे पता चल जाता है। यहां पर हम आपको कुछ टेस्ट के बारे मे बता रहे ‌‌‌ हैं।

  • अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन, रेडिएशन ट्रैकिंग  आदि टेस्ट यूरीन इन्फेक्सन की समस्या को दूर करने के लिए किये जा सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सबसे अधिक फायदा होगा ।
  • इंट्रावेनस पयलोग्राम या आईवीपी (Intravenous Pyelogram or IVP) एक प्रकार का टेस्ट होता है जिसके अंदर आपकी नसों मे एक खास प्रकार की डाई डाली जाती है और चैक किया जाता है। हालांकि यह सब दर्दनाक होते हैं। और कई बार यह फालतू मे ही किये जाते हैं। ऐसा भी देखा गया है।
  • यूरोडायनामिक्स (Urodynamics) के अंदर यह देखा जाता है कि मूत्र का भंडारण और निष्कासन ठीक तरह से हो रहा है या फिर नहीं हो रहा है इसके बारे मे भी जांच की जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के इलाज की बात करें तो इसका इलाज कई तरह से किया जाता है आपको डॉक्टर सबसे पहले यह देंखेंगे कि यूरिन इन्फेक्सन किस वजह से हुआ है और उसके बाद इलाज के बारे मे बात करेंगे इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जैसे कि यदि यूरिन इन्फेक्सन कवक की वजह से हुआ है तो एंटिफंगल ‌‌‌ दवाओं की वजह से इसका इलाज किया जा सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन कोई भी दवा आपको सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । ‌‌‌इसके अलावा जिनको मूत्रपथ के अंदर संक्रमण होता है उनको अधिक तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है ताकि जो बैक्टिरिया होता है वह आसानी से बाहर निकल सके ।

‌‌‌वैसे यदि आप सही समय पर इलाज लेते हैं तो इसको कुछ ही समय के अंदर बहुत ही आसानी से ठीक किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यह आमतौर पर 2 से 3 दिन के अंदर ठीक हो जाता है और यदि लंबे समय तक इसका इलाज नहीं किया जाता है तो उसके बाद समस्या होती है। और यह काफी गम्भीर हो सकता है।

levofloxacin tablet uses in hindi प्रोस्टेटाइटिस 

प्रोस्टेट की सूजन को प्रोस्टेटाइटिस  के नाम से जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।प्रोस्टेटाइटिस की स्थिति में अक्सर तेज दर्द या पेशाब करने में कठिनाई होती है कमर दर्द और पेडूं के अंदर दर्द इसके लक्षण होते हैं जिसकी मदद से इसको आसानी से पहचाना जा सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।

प्रोस्टेट के जो सूजन की समस्या होती है वैसे तो यह किसी भी उम्र मे हो सकती है लेकिन आमतौर पर यह देखने मे आया है कि यह अधिकतर 50 साल से कम उम्र होने की दशा मे सबसे अधिक होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। ‌‌‌और पुरूषों के अंदर यह समस्या सबसे आम होती है यह किसी तरह के जीवाणू संक्रमण की वजह से होता है लेकिन इसके सही कारण के बारे मे पता लगाना कोई आसान काम नहीं होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌आपको बतादें कि प्रोटेस्ट के अंदर सूजन होना आमतौर पर कई बार अचानक से हो जाती है और उसके बाद अचानक से ठीक भी हो जाती है। यदि यह ठीक नहीं होती है तो उसके बाद आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन करना चाहिए ।

प्रोस्टेट में सूजन के लक्षण की यदि हम बात करें तो यह आमतौर पर प्रोस्टेट कैंसर के जैसे हो सकते हैं। लेकिन जरूरी नहीं है कि यह कैंसर ही हो तो सबसे पहले हम आपको कुछ लक्षण बता देते हैं जिससे कि आपको यह पता चल जाएगा कि आपको प्रोस्टेट की समस्या है।

  • ‌‌‌यदि संक्रमण है तो इसकी वजह से बुखार, मतली और फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
  • इसके अलावा पेशाब के अंदर खून भी आ सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • इसके अलावा पेशाब करने मे काफी समस्याएं हो सकती हैं।

‌‌‌यदि आपको उपर दिये गए लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यह आपके लिए सबसे अधिक जरूरी हो जाता है आप इस बात को समझ सकते हैं।

प्रोस्टेट में सूजन के कारणों के बारे मे बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से यह सूजन हो सकती है। लेकिन अधिकतर केस के अंदर यह किसी ना किसी तरह के संक्रमण की वजह से ही होता है।एक्यूट प्रोस्टेटाइटिस भी एक प्रकार का संक्रमण होता है। यदि किसी को यह समस्या है तो फिर उसे ‌‌‌ जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर को परामर्श करना चाहिए और आपके डॉक्टर आपको जो निर्देश देते हैं आपको उसका पालन करना चाहिए । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

प्रोस्टेट की सूजन के निदान के बारे मे बात करें तो आमतौर पर इसका निदान कई तरह से किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।  डॉक्टर सबसे पहले किसी तरह के टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं। तो आइए जानते हैं इसके निदान के बारे मे ।

डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन के अंदर पेट के नीचले हिस्से की जांच की जाती है और उसके बाद यह पता लगाया जाता है कि क्या समस्या है ? और समस्या कितनी गम्भीर हो सकती है।

‌‌‌इसके अलावा आपके यूरिन का टेस्ट किया जा सकता है। जिसकी मदद से यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि आपके शरीर के अंदर किसी तरह का कोई बैक्टिरिया तो नहीं है।

इसके अलावा ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड टेस्ट भी किया जा सकता है। इसके लिए आपको अस्पताल के अंदर भर्ती होना पड़ सकता है।

levofloxacin tablet uses in hindi – साइनोसाइटिस 

साइनसाइटिस एक प्रकार की गम्भीर के अंदर आता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।साइनसाइटिस के कई अलग-अलग प्रकार हैं, और प्रत्येक के लिए एक विशिष्ट उपचार योजना की आवश्यकता होती है। साइनसाइटिस का सबसे आम प्रकार तीव्र साइनसाइटिस है, जो एक संक्रमण है जो बुखार और सिरदर्द का कारण बनता है। अन्य प्रकार के साइनसाइटिस में क्रोनिक साइनसिसिस शामिल है, जो एक संक्रमण है जो तीन सप्ताह से अधिक समय तक रहता है, और संक्रामक साइनसाइटिस के बाद, जो एक संक्रमण है जो सर्दी या फ्लू के बाद होता है। साइनसाइटिस के सभी प्रकार के लिए उपचार अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। यदि कारण की पहचान की जाती है और जल्दी इलाज किया जाता है, तो रोगी के पास दीर्घकालिक जटिलताओं के बिना ठीक होने का अच्छा मौका होता है।

साइनस के लक्षण की यदि हम बात करते हैं तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं और यदि आप इसके बारे मे जानना चाहते हैं तो इसके कुछ लक्षण के बारे मे हम आपको बता रहे हैं। जिसकी मदद से आप साइनस को पहचान सकते हैं।

  • ‌‌‌साइनस की वजह से नाक बहने लग जाती है
  • और नाक बंद रह सकती है जिसकी वजह से मुंह से सांस लेने की समस्या होती है।
  • आंख, नाक, गाल और माथे के आसपास सूजन और दर्द महसूस होना।
  • और गंध और स्वाद लेने मे काफी परेशानी होती है।
  • कान मे दर्द का होना
  • सिर  दर्द हो सकता है।
  • खांसी आ सकती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा अधिक थकान का होना
  • और जी का मिचलाना

क्रोनिक साइनसाइटिस और एक्यूट साइनसाइटिस के लक्षण समान से ही दिखते हैं यदि आपको उपर दिये गए लक्षण दिखाई देते हैं तो फिर आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । और आप इस बात ‌‌‌ को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही हो सकता है।

साइनसाइटिस की समस्या यदि आपको बार बार हो रही है तो आपको अपने डॉक्टर को दिखाना बहुत अधिक जरूरी हो जाता है आप इस बात को समझ सकते हैं।यदि इसके लक्षण आपको लंबे समय तक चलते हैं तो फिर आपको अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए ।आंखों के आस पास चकते का बनना और लझन आदि समस्याएं होती हैं तो फिर आपको अपने ‌‌‌ डॉक्टर को दिखाना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।

साइनसाइटिस के कारण की यदि हम बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। इसके अंदर होता यह है कि नाक के अंदर तरल पदार्थ एकत्रित हो जाते हैं जिसकी वजह से नाक के अंदर रोगाणु पैदा हो जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • साइनसिसिटिस आमतौर पर वायरस की वजह से हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • प्रदूषण यदि हो तो इसकी वजह से बलगम की समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • कवक से यदि आपको एलर्जी है तो इसकी वजह से भी  यह समस्या हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना ‌‌‌ चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • साइनस आमतौर पर उन लोगों के अंदर होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है जिनकों की सांस नली के अंदर संक्रमण हो चुका है। इसकी वजह से यह समस्या और अधिक हो सकती है।
  • इसके अलावा यदि दांत के अंदर संक्रमण हो चुका है तो इसकी वजह से भी साइनस का खतरा काफी अधिक हो जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा जो लोग धुम्रपान करते हैं उनके अंदर साइनस का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसलिए आपको धुम्रपान कम करना चाहिए ।
  • धूल, पराग और जानवरों के बाल आदि की वजह से यदि आपको एलर्जी है तो आपको इनसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए । इसकी वजह से साइनस हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • अस्थमा  की यदि आपको समस्या है तो इस रोग के होने के चांस आपको काफी अधिक बढ़ जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए आपको अस्थमा का इलाज करवाने की जरूरत हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

साइनस से बचाव की यदि हम बात करें तो आप काफी कुछ इसके अंदर कर सकते हैं। कुछ उपाय हैं जिसकी मदद से आप साइनस मे खुद को बचा सकते हैं। तो आइए जानते हैं इन उपायों के बारे मे विस्तार से ।

  • ‌‌‌सबसे पहली बात आपको अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए । खास कर यदि आप खाना खा रहे हैं तो उसके बाद आपको अपने हाथों को सही तरह से धोना जरूरी होता है।
  • धूल और फफूंद वैगरह से यदि आपको एलर्जी है तो आपको इनसे बचना होगा आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इनसे दूरी आपको बनानी चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपको सांस का संक्रमण है तो जल्दी से जल्दी आपको इसका उपचार करवाने की जरूरत हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और यदि कोई इंसान पहले से ही सांस की समस्या से परेशान है तो फिर आपको उससे दूरी बनानी होगी ।
  • धूम्रपान वैगरह यदि आप करते हैं तो आपको उससे बचना होगा । क्योंकि इससे आपको काफी अधिक समस्या हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

साइनस संक्रमण यदि किसी को हो चुका है तो इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो उसके बाद डॉक्टर आपसे पूछते हैं कि आपको क्या समस्या है तो आपने जो लक्षण देखे हैं आपको उसके बारे मे बताना चाहिए ।

‌‌‌साइनस की समस्या के अंदर डॉक्टर आपको सीटी स्कैन एमआरआई  आदि करवाने की सलाह दे सकते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर आपको चाहिए कि आप इन जांच को करवाएं । इसके अलावा  लक्षणों की मदद से इसकी पहचान की जा सकती है आप इस बात को समझ सकते हैं।

levofloxacin tablet uses in hindi किडनी में सूजन

‌‌‌दोस्तों आप किडनी के बारे मे जानते ही हैं आपको बतादें कि किडनी हमारे शरीर मे दो होती हैं और उनकी मदद से ही खून को साफ किया जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि किडनी खराब हो जाती है तो फिर मरीज की स्थिति काफी अधिक नाजुक हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

जब किडनी के नेफ्रोन और आस-पास के ऊतकों में सूजन व लालिमा विकसित हो जाती है, तो उसे नेफ्राइटिस के नाम से जाना जाता है और यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो इसकी वजह से आपकी किडनी खराब हो सकती है।और वैसे भी यदि किडनी का सूजन है तो फिर आसानी से इसके बारे मे पता नहीं चल पाएगा आप इस बात को ‌‌‌समझ सकते हैं और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌जब आपकी किडनी ठीक से काम कर रही होती है तो इसकी मदद से शरीर के अंगों को लगातार ऑक्सीजन प्राप्त होता रहता है और खून की सप्लाई संभव हो पाती है।और किडनी जब खून को फिल्टर नहीं कर पाती है तो उसके बाद काफी बड़ी समस्या पैदा हो जाती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । किडनी की समस्या होने पर पेशाब में खून आना, बुखार, मतली और उल्टी ‌‌‌जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

‌‌‌यदि आप किडनी के सूजन से बचना चाहते हैं तो आपको मीठे पदार्थों की खपत को कम करना होगा और इसकी मदद से आपको शराब आदि का सेवन करते हैं तो उसे भी कम करना होता है। जो लोग शराब आदि का सेवन करते हैं उनकों किडनी खराब होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

एंटीबायोटिक और कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं ऐसी होती हैं जोकि किडनी के सूजन को दूर करने का काम करती है। और यदि किडनी के सूजन को समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो उसकी वजह से किडनी पूरी तरह से फैल हो सकती है और उसके बाद रोगी की मौत तय होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

किडनी में सूजन के प्रकार के बारे मे बात करें तो आपको बतादें कि किडनी का जो सूजन होता है वह कई प्रकार का होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (Glomerulonephritis) एक प्रकार की स्थिति होती है। इसके अंदर आमतौर पर खून फिल्टर करने वाली कोशिकाओं के अंदर सूजन आ जाती है ‌‌‌ जिसकी वजह से खून पूरी तरह से फिल्टर नहीं हो पाता है और इसकी वजह से समस्या होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • इंटरस्टीशियल नेफ्राइटिस (Interstitial Nephritis) के अंदर किडनी के मध्य भाग नेफ्रोन के अंदर सूजन आ जाता है जिसकी वजह से किडनी को काम करने मे काफी अधिक समस्या होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • पायलोनेफ्राइटिस (Pyelonephritis) इस स्थिति के अंदर सूजन मूत्राशय के अंदर आती है और यह मूत्रवाहिनी से होते हुए आमतौर पर किडनी तक पहुंच जाती है इसका इलाज भी समय पर करना बेहद ही जरूरी होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌अब हम बात करें किडनी के सूजन के लक्षणों की तो इस तरह के कई सारे लक्षण होते हैं जिसकी मदद से आप किडनी सूजन की पहचान कर सकते हैं और इसकी वजह से आप यह पता लगा सकते हैं कि आपके किडनी मे सूजन है और उसके बाद आप अपने डॉक्टर को दिखा सकते हैं।

  • ‌‌‌यदि गुर्दे के आस पास किसी तरह का दर्द है तो यह किडनी के अंदर सूजन का संकेत हो सकता है आपको इसको नजर अंदाज नहीं करना चाहिए ।
  • इसके अलावा यदि अचानक से शरीर का वजन बढ़ जाता है तो फिर यह किडनी की समस्या होने का संकेत हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपको बार बार पेशाब आ रहा है तो यह भी किडनी की समस्या हो सकती है।
  • इसके अलावा यदि पेशाब के अंदर पस आ रहा है तो फिर आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • पेशाब के रंग में बदलाव होने की वजह से भी यह समस्या होने का संकेत देता है।
  • इसके अलावा यदि आपको अधिक ठंड लग रही है आप कांप रहे हैं तो यह भी आपकी किडनी की समस्या हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌और यदि किडनी के अंदर समस्या होती है तो इसकी वजह से झागदार पेशाब आता है जोकि किडनी के खराब होने के बारे मे भी संकेत देता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • पेशाब में खून आ रहा है तो यह भी आपकी किडनी के खराब होने के बारे मे संकेत देता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
  • मतली और उल्टी होना भी किडनी के खराब होने का संकेत देता है।
  • बुखार और त्वचा पर चकत्ते  यदि बन गए हैं तो यह भी किडनी के खराब होने के बारे मे संकेत देता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आपके पेशाब के अंदर खून आ रहा है तो फिर आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर को दिखाया जाना चाहिए । यह सबसे अधिक जरूरी होता है। यदि आप अपने डॉक्टर को जल्दी नहीं दिखाते हैं तो इसकी वजह से आपकी किडनी पूरी तरह  से खराब हो सकती है। ‌‌‌और एक बार यदि किडनी खराब हो गई तो उसके बाद आप उसे सही नहीं कर सकते हैं आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

‌‌‌किडनी मे सूजन किन वजहों से होता है

दोस्तों आइए अब हम यह जानने का प्रयास करते हैं कि किडनी के अंदर सूजन किन वजहों से होता है ? तो आइए जानते हैं। इसके कारणों के बारे मे और कौनसी चीजें हैं जोकि किडनी के अंदर जोखिम को बढ़ा सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

  • ‌‌‌कई बार क्या होता है कि हमारे शरीर के अंदर किसी तरह का संक्रमण हो जाता है और संक्रमण की वजह से होता यह है कि एंटिबॉडी बनता है और यह हमारे शरीर के उत्तकों पर भी हमला कर देता है जिसकी वजह से किडनी की समस्या पैदा हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • बैक्टीरियल संक्रमण होना, इ कोलाई (E. coli) बैक्टीरिया आमतौर पर आपके मुत्राशय से किडनी तक पहुंच सकता है और उसके बाद किडनी के अंदर सूजन का कारण बन सकता है। यदि ऐसा है तो फिर आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । तभी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार क्या होता है कि खून के अंदर पोटेशियम की कमी हो जाती है जिसकी वजह से भी किडनी की समस्या हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए पोटेशियम के स्तर को बनाए रखना बेहद ही जरूरी होता है।
  • किडनी या मूत्रवाहिनी आदि का यदि ऑपरेशन वैगरह हुआ है तो इसकी वजह से भी किडनी के अंदर सूजन आ सकता है। इसके लिए आपको चाहिए कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपको गुर्दे की पत्थरी की समस्या है तो उसकी वजह से भी किडनी के अंदर सूजन आने की समस्या हो सकती है तो आपको अपने डॉक्टर से इसके बारे मे परामर्श करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा शरीर के अंदर किसी तरह का फोड़ा होता है तो उसकी वजह से किडनी की समस्या हो सकती है। यदि ऐसा है तो फिर आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌यह समस्या आमतौर पर 60 साल की उम्र के बाद ही अधिक देखने को मिलती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • यदि आपको अधिक दर्द निवारक दवा लेने की आदत है तो उसकी वजह से यह समस्या हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आपके अंदर हर्ट रोग की समस्या है तो उसकी वजह से भी किडनी की समस्या हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • पतले लोगों की तुलना मे मोटे लोगों के अंदर किडनी की समस्या काफी अधिक होती है आप इस बात को समझ सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌आपको बतादें कि जिन लोगों को किडनी की समस्या है उनको धुम्रपान करना छोड़ देना चाहिए । क्योंकि इससे किडनी की समस्या कम नहीं होती है वरन इसकी वजह से किडनी की समस्या काफी अधिक बढ़ जाती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप किडनी को सही रखना चाहते हैं तो फिर आपको ब्लड प्रेसर और ब्लड शुगर को नियंत्रित करना बहुत ही जरूरी हो जाता है। क्योंकि इसकी वजह से किडनी की समस्या काफी अधिक होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा सूजन है तो फिर सोडियम की मात्रा का कम सेवन करना चाहिए  क्योंकि नमक आमतौर पर सूजन को कम नहीं करता है वरन सूजन को बढा देता है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा आपको बतादें कि आपको अपने वजन को भी कम रखना चाहिए । यह बहुत अधिक जरूरी होता है। यदि आपका वजन काफी अधिक है तो इसकी वजह से आपको किडनी की समस्या हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • नॉन स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स जैसी कुछ इस प्रकार की दवाएं भी होती हैं जोकि आपकी किडनी को काफी अधिक प्रभावित करती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपको किडनी की समस्याएं हैं तो फिर आपको इन दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप पेशाब करते हैं तो अपने अंगों को सही तरह से साफ कर लेना चाहिए । ऐसा करने का फायदा यह होगा कि बैक्टिरिया आपके शरीर के अंदर नहीं जाएंगे और आपकी किडनी भी अच्छी बनी रहेगी आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • जननांगों को साफ और सूखा रखना चाहिए । ऐसा करने का फायदा यह होगा कि संक्रमण फैलने के चांस काफी कम हो जाएंगे आप इस बात को समझ सकते हैं। और नहीं तो यह आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप अंडरवियर वैगरह टाइट पहनते हैं तो इसकी वजह से जननांगों के आस पास हवा आसानी से नहीं जा पाती है। इसलिए आपको टाइट कपड़े नहीं पहनने चाहिए । इस प्रकार के कपड़े पहनने चाहिए जिससे कि हवा अंदर आसानी से जा सके ।
  • ‌‌‌और यदि आप महिला हैं तो मासिक धर्म के दौरान आपको नियमित रूप से पैड को बदलना बहुत ही जरूरी होता है आप इस बात को समझ सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा किसी भी तरह की किडनी की समस्या को दूर करने के लिए अच्छे आहार का बहुत ही अहम रोल होता है इसलिए आपको रोजाना पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए । यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌अब दोस्तों हम आपको किडनी के परीक्षण के बारे मे बताने वाले हैं। मतलब यही है कि यदि आपको किसी तरह की किडनी की समस्या है तो आप अपने डॉक्टर के पास जाएंगे तो वह आपके कई सारे परीक्षण कर सकता है जिससे कि पता चल सके कि आपको सचमुच किडनी की ही समस्या है या फिर कोई और समस्या है ?

  • ‌‌‌इसके लिए डॉक्टर सबसे पहले बीपी का टेस्ट करता है इसके अलावा किडनी फंक्सन की जांच करने के लिए खून टेस्ट भी किया जा सकता है। जिससे कि आमतौर पर पता चल जाता है कि किडनी के अंदर समस्या है । इसके अलावा अन्य टेस्ट भी किये जा सकते हैं। ‌‌‌इसके अलावा डॉक्टर आपके मूत्र का  टेस्ट कर सकता है। जिससे कि डॉक्टर यह पता लगाने मे सक्षम हो जाएगा कि आपकी किडनी की स्थिति क्या है।
  • किडनी बायोप्सी (Kidney biopsy)  की जा सकती है। इसके अंदर किडनी के मांस का एक टुकड़ा लिया जाता है और उसके बाद उसकी जांच की जाती है कि आपको किडनी की समस्या है या नहीं है या फिर आपके अंदर किस तरह की समस्या है।
  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) भी किया जा सकता है। इसकी मदद से किडनी का चित्र बनाया जाता है जिससे कि यह पता चलता है कि आपके अंदर किस तरह की समस्या है ? इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।
  • सीटी स्कैन (CT scan) भी किया जा सकता है जोकि किडनी की जांच करने मे काफी मदद करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌अब यदि हम किडनी के अंदर सूजन के इलाज की बात करें तो आप किडनी के अंदर सूजन का इलाज कई तरह से कर सकते हैं। कुछ दवाएं आती हैं जोकि किडनी के सूजन को कम करने मे काफी मदद करती है। लेकिन उन दवाओं को आपको अपने डॉक्टरों  की मदद से ही लेना चाहिए ।

  • एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) दवाएं आमतौर पर तब दी जाती हैं। यदि किडनी के अंदर किसी तरह का संक्रमण होता है तो उसके अंदर सुधार करने के लिए एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)  दवाएं दी जाती है। और यदि संक्रमण काफी गम्भीर है तो फिर यह इंजेक्सन की मदद से भी दी जा सकती हैं।
  • कोर्टिकोस्टेरॉयड (Corticosteroids)  यह वे दवाएं होती हैं जोकि सूजन को कम करने के लिए दी जाती हैं। और इन दवाओं को डॉक्टर तब तक देते हैं जब तक की सूजन के अंदर सुधार नहीं हो जाता है। मतलब यही है कि यह दवाएं सूजन को कम करने के लिए प्रयोग मे ली जाती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।
  • डायलिसिस (Dialysis) एक प्रक्रिया होती है। यदि आपकी किडनी दोनो ही खराब हो चुकी हैं तो फिर आपको कोई भी नहीं बचा सकता है। डायलिसिस (Dialysis)  की मदद से आप कुछ समय के लिए जिंदा रह सकते हैं। लेकिन यदि आप लगातार डायलिसिस (Dialysis)  करते हैं तो इसके साइड इफेक्ट भी आपके अंदर धीरे धीरे देखने को ‌‌‌ मिलने लग जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपकी किडनी के अंदर सूजन की समस्या है तो डॉक्टर आपको अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह देने का काम करेंगे । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। आमतौर पर अधिक मात्रा के अंदर पानी पीने से पेशाब अधिक बनता है और बैक्टिरिया बाहर निकल जाते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपकी किडनी के अंदर सूजन है तो फिर आपको चाहिए कि आप काम ना करें । और जब तक सूजन ठीक नहीं हो जाता है आपको बिस्तर पर आराम करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।

levofloxacin tablet uses in hindi  लाल बुखार के अंदर

‌‌‌आपको बतादें कि लाल बुखार आमतौर पर काफी तेजी से फैलने वाला रोग होता है। इसकी वजह से आपके पूरे शरीर पर लाल चकते बन जाते हैं और गले के अंदर भी काफी अधिक दर्द होता रहता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यह आमतौर पर 15 साल तक के बच्चों को काफी अधिक होता है। ‌‌‌और आपको बतादें कि यह काफी डेंजर रोग होता है। यदि इस रोग का समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो यह बच्चों के किडनी और हर्ट के लिए बहुत ही बड़ा खतरा पैदा कर सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌यदि हम लाल बुखार के लक्षणों की बात करें तो इसके कुछ लक्षण होते हैं जिसकी मदद से आप इसको बहुत ही आसानी से पहचान सकते हैं आइए जानते हैं इसके कुछ लक्षणों के बारे मे विस्तार से ।

  • ‌‌‌इसके अंदर चेहरा लाल हो जाता है और मुंह के आस पास पीले धब्बे पड़ जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • जीभ गहरे लाल रंग की हो जाती है और गांठ बनने लगती हैं। और इसके अंदर जीभ पर सफेद परत भी आ जाती है आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌और इस रोग के अंदर चेहरे और गर्दन पर लाल चकते बन जाते हैं यह बाजू और टांगों के उपर भी होने लग जाते हैं। और बाद मे पूरे शरीर पर हो जाते हैं जिससे कि इसको आसानी से पहचाना जात सकता है।
  • कोहनी, घुटने और गर्दन आदि आस पास के चकत्तों से अधिक गहरे रंग की लाल धारियां हो जाती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • कांख, ग्रोइन, कोहनी, घुटने और गर्दन आदि के अंदर रक्तवाहिनियां खराब हो सकती हैं।
  • निगलने मे कठिनाई का होना
  • सिर दर्द का होना
  • खुजली का होना।

‌‌‌दोस्तों यदि आपको लाल बुखार से जुड़ा हुआ कोई भी लक्षण दिखाई देता है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए । संभव हो सकता है कि यदि आप समय पर इसका उपचार कर पाते हैं तो यह अधिक बेहतर होगा । नहीं तो आपकी समस्या कम होने की बजाय और अधिक बढ़ सकती है। ‌‌‌समय पर यदि इलाज नहीं होता है तो इस रोग की वजह से मौत भी हो सकती है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।

‌‌‌लाल बुखार के कारणों की बात करें तो आपको बतादें कि एस पियोजीन्स नामक एक बैक्टिरिया होता है जोकि लाल बुखार को फैलने के लिए जिम्मेदार होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यह एस पियोजीन्स आपके शरीर के अंदर विषाक्त पदार्थों को छोड़ने का काम करता है जिसकी ‌‌‌वजह से काफी अधिक परेशानी होती है और शरीर पर लाल चकते बन जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।

‌‌‌अब यदि हम लाल बुखार के फैलने के बारे मे बात करें तो आपको बतादें कि यह मरीज के खांसने और छींकने की वजह से फैलता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और यदि आप इस तरह के मरीज के साथ खाना वैगरह खाते हैं तो उसकी वजह से भी लाल बुखार आपको हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात ‌‌‌को समझ सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।

‌‌‌यदि अब हम लाल बुखार रोग से बचाव के बारे मे बात करें तो आपको बतादें कि यह काफी तेजी से फैलने वाला एक प्रकार का संक्रामक रोग होता है और इसका टीका अभी उपलब्ध नहीं है। लेकिन कुछ उपाय हैं जिसकी मदद से आप इस रोग को फैलने से रोक सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

  • ‌‌‌सबसे पहले आपको अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए । खास कर यदि आप खाना खा रहे हैं तो आपको अपने हाथों को सही तरह से धोना बहुत ही जरूरी होता है। वरना बैक्टिरिया आपके शरीर के अंदर भी प्रवेश कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि कोई इंसान पहले से ही लाल बुखार का शिकार है तो आप उसके साथ खाना नहीं खाएं । यह आपके लिए सबसे अधिक जरूरी हो जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। क्योंकि यदि आप उसके साथ बर्तन वैगरह को शेयर करते हैं तो लाल बुखार से आप भी संक्रमित हो सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आपको लाल बुखार हो चुका है तो आपको मास्क पहनना चाहिए । और ऐसा करना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि नहीं तो यह संक्रमण दूसरों के अंदर भी फैल सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपको या बच्चे को लाल बुखार हो चुका है तो उसे स्कूल भेजना बंद कर देना चाहिए और उसे खुद से अलग रहना चाहिए । यह तब तक करना बेहद ही जरूरी होता है जब तक कि लाल बुखार पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता है।

‌‌‌दोस्तों यदि आपके बच्चे को लाल बुखार हो चुका है तो आपको उसको एक बार अपने डॉक्टर के पास लेकर जाने की जरूरत होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए आपके बच्चे को डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं  लिखकर दे सकते हैं। यह सबसे अधिक जरूरी हो जाता है । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को ‌‌‌ समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । वैसे एंटिबायोटिक दवाएं आमतौर पर इस बुखार का सीधा इलाज नहीं करती हैं लेकिन यह संक्रमण को आगे फैलने से रोकने का काम करती हैं। आपको इन दवाओं को डॉक्टर के परामर्श के बाद ही लेना चाहिए नहीं तो यह आपके लिए नुकसान कर सकती हैं।

levofloxacin tablet uses in hindi आँख आना (कंजंक्टिवाइटिस)

‌‌‌दोस्तों आंख आना भी एक प्रकार की समस्या होती है। इसके अंदर आंखों मे खुजली होती है और फिर दर्द होता है ,सूजन होता है और आंख लाल होती है इसके अलावा आंख को खोलने मे काफी अधिक परेशानी होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌आपको बतादें कि आंख आने के तीन चरण होते हैं और इसकी वजह से इतन तीनों चरणों के अंदर अलग अलग तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो आइए जानते हैं इन चरणों के बारे मे विस्तार से आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌पहला चरण आमतौर पर 3 सप्ताह का होता है इसके अंदर पहले चरण के अंदर वायरस आंख की कोशिकाओं तक फैल सकता है और आँख लाल हो जाती है और पलकें सूज जाती हैं और आंखों के अंदर पानी आता है और फिर यदि आप सोते हैं तो आंखों से एक अलग प्रकार के चिपचिपे पदार्थ का रिसाव होता है।
  • दूसरे सप्ताह में, कॉर्निया  को संक्रमण प्रभावित कर देता है इसके अंदर आंख के अंदर जलन और सूजन काफी अधिक बढ़ जाती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके अंदर भूरे धब्बे दिखाइ देते हैं और आंखों के अंदर जलन काफी तेज हो जाती है। कॉर्निया के अंदर घाव पैदा हो जाते हैं जिसकी वजह से रात की रोशनी के अंदर देखने मे काफी समस्याएं  होने लग जाती हैं और इसके साथ ही यदि आप उपचार लेते हैं तो उसके बाद इस समस्या से जल्दी से जल्दी छुटकारा पाया जा सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌यदि हम आंख आने के लक्षणों के बारे मे बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं जिसकी मदद से आप इसको पहचान सकते हैं तो आइए जानते हैं इसके लक्षणों के बारे मे

  • खुजली या जलन होना।
  • आंख से चिपचिपे पदार्थ का रिसाव होना ।
  • पलकों में पपड़ी का जमाव होना
  • आँखों में बाहरी वस्तु का महसूस होना
  • आंखे सफेद जैसा होना गुलाबी होना ।

‌‌‌यदि आपको उपर दिये गए किसी तरह के लक्षण अपनी आंखों के अंदर दिखाई देते हैं तो आपको सबसे पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। क्योंकि यदि आप जल्दी उपचार लेलेत हैं तो परेशानी काफी कम हो जाएगी ।

levofloxacin 500 mg tablet uses in hindi ‌‌‌प्लेग

‌‌‌दोस्तों जब हम प्लेग की बात करते हैं तो आपको बतादें कि यह एक प्रकार का इन्फेक्सन होता है जोकि येर्सिनिया पेस्टिस बैक्टिरिया की वजह से होता है। यह आमतौर पर चूहों को जब पिसू काट लेते हैं तो उनके अंदर हो जाता है।एक समय ऐसा था जब प्लेग सबसे अधिक परेशान करने वाला रोग बन चुका था लेकिन आजकल ‌‌‌ यह काफी कम ही दिखाई देता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । क्योंकि कई तरह की एंटिबायोटिक दवाएं हैं जिसकी मदद से प्लेग पर आसानी से काबू पाया जा सकता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।और यह रोग आमतौर पर चूहों से ही फैलता है। यदि आपको यह लगता है कि आपको प्लेग हो गया है तो डॉक्टर आपके ‌‌‌थूक वैगरह के सैंपल लेते हैं और उसके बाद लेब के अंदर भेज देते हैं जिससे कि यह पता चल जाता है कि आपको प्लेग ही है या फिर और किसी तरह की बीमारी है।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि यदि प्लेग का समय पर इलाज किया जाता है तो इसका इलाज संभव हो सकता है । लेकिन यदि इसका इलाज समय पर नहीं किया जाता है तो उसके बाद इसका इलाज संभव नहीं हो सकता है। इसलिए प्लेग का पता चलने पर जल्दी से जल्दी इलाज करवाना जरूरी होता है।

‌‌‌प्लेग आमतौर पर तीन प्रकार के होते हैं इसके बारे मे भी हम आपको बता देते हैं।

  • ब्युबोनिक प्लेग (Bubonic plague)टॉन्सिल, कंठग्रंथि, प्लीहा और थाइमस में सूजन देखने को मिलती है बदन दर्द करता है और लिम्फ नोड़ को छूने पर दर्द महसूस होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • न्यूमोनिक प्लेग (Pneumonic plague) यह काफी डेंजर प्लेग होता है इसके अंदर होता है यह है कि बैक्टिरिया फेफड़ों के अंदर पहुंच जाता है और उसके बाद निमोनिया हो जाता है और इंसान को सांस लेने मे काफी अधिक समस्या होने लग जाती है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • सेप्टिसेमिक प्लेग (septicemic plague) एक प्रकार का प्लेग है जिसके अंदर क्या होता है कि बैक्टिरिया खून के अंदर चला जाता है जिसकी वजह से ठंड लगना जैसी समस्याएं हो सकती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌अब यदि किसी को प्लेग हो गया है तो इसके लक्षण के बारे मे भी बात कर लेते हैं। प्लेग होने पर कुछ लक्षण प्रकट हो जाते हैं जिसकी मदद से आप यह आसानी से पहचान सकते हैं कि आपको प्लेग हो गया और आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं तो आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे मे विस्तार से ।

  • मतली और उल्टी
  • छाती में दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • कमजोरी
  • लिम्फ नोड्स में दर्द होना
  • सांस लेने मे समस्या होना
  • खांसी का आना
  • सिर दर्द
  • कब्ज का होना
  • ठंड लगना आदि इसके लक्षण हो सकते हैं।

‌‌‌यदि आपको इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपके डॉक्टर आपको जो निर्देश देते हैं आपको उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।

प्लेग के कारण के कारण की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं इसके बारे मे विस्तार से

‌‌‌यदि आपको चूहे गिलहरी आदि काट लेती है तो उसकी वजह से आपको प्लेग हो सकता है आमतौर पर चूहे गिलहरी के अंदर प्लेग पिस्सू के काटने से फैलता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।इसलिए इन जानवरों से दूरी बनाई जानी चाहिए ।

‌‌‌इसके अलावा यदि आप प्लेग से संक्रमित इंसान या जानवर के संपर्क मे आ जाते हैं या फिर आप किसी संक्रमित जानवर का मीट वैगरह खाते हैं तो आपको प्लेग होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

यदि किसी व्यक्ति या जानवर को न्यूमोनिक प्लेग है, तो उसके खांसने या सांस लेने से संक्रमित बूंदे हवा में मिल जाती हैं और यदि कोई दूसरा इंसान उन हवा के अंदर सांस लेता है तो उसकी वजह से उसको भी प्लेग होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।

  • ‌‌‌यदि हम प्लेग के अन्य खतरे की बात करें तो यह उन क्षत्रों के अंदर अधिक होता है जहां पर साफ सफाई ठीक तरह से नहीं होती है और चूहे अधिक होते हैं। प्लेग से बचने के लिए साफ सफाई सबसे अधिक जरूरी चीज होती है आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌आपको बतादें कि जानवरों के पास जो लोग काफी अधिक रहते हैं उनको प्लेग का खतरा काफी अधिक होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। जैसे कि आप यदि कुत्ते और बिल्ली को पालते हैं तो इसका खतरा काफी अधिक होता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप किसी प्लेग से ग्रस्ति इंसान के साथ अधिक समय बिताते हैं तो उसके बाद आपको प्लेग का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌अब हम आपको कुछ उपायों के बारे मे बताने वाले हैं जिसकी मदद से आप प्लेग से बच सकते हैं। कुछ सावधानियों के बारे मे हम आपको बताने वाले हैं जिसकी मदद से प्लेग से आप बच सकते हैं। तो आइए जानते हैं।

  • ‌‌‌यदि आपके घर के अंदर चूहें हैं तो आपको उनको वहां से हटाना होगा चूहों को भगाने के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं जिससे कि आपको प्लेग का खतरा काफी कम हो जाएगा ।
  • ‌‌‌यदि चूहे हैं तो उनको कभी भी छूने का प्रयास ना करें और ना ही आपको मांस खाने वाले किसी जानवरों को छूना चाहिए ।
  • चूहे व गिलहरी आदि के बिल यदि आपके घर के अंदर मौजूद हैं तो फिर आपको उनको बंद कर देना चाहिए । यह सबसे अधिक जरूरी होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा आपको इस तरह के क्षेत्र मे यात्रा नहीं करनी चाहिए जहां पर प्लेग काफी अधिक फैल गया हो । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

levofloxacin tablet के नुकसान

दोस्तों जैसा कि आपको पता ही होग कि हर टेबले ट के फायदे और नुकसान होते हैं। इसी प्रकार से इस दवा के भी अपने फायदे और नुकसान हैं तो आइए इसके बारे मे भी जान लेते हैं। ‌‌‌हालांकि levofloxacin tablet के नुकसान हर किसी के अंदर देखने को नहीं मिलते हैं। और अधिक समय तक नहीं रहते हैं। यदि दवा खाने के बाद आपको किसी तरह के नुकसान का अनुभव हो रहा है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।

  • घबराहट
  • फफोले
  • उलझन
  • अतिसार (पानीदार और गंभीर) जो खूनी भी हो सकता है
  • यह महसूस करना कि दूसरे आपके विचारों को सुन सकते हैं या आपके व्यवहार को नियंत्रित कर सकते हैं
  • बुखार
  • दर्द, सूजन, या पैरों, कंधों, या हाथों की पिंडलियों में सूजन
  • त्वचा की लाली और सूजन
  • ऐसी चीजें देखना, सुनना या महसूस करना जो वहां नहीं हैं
  • त्वचा पर जलन महसूस होना
  • गंभीर मनोदशा या मानसिक परिवर्तन
  • पेट में ऐंठन या दर्द (गंभीर)
  • त्वचा लाल चकत्ते, खुजली, या लालिमा
  • हिलता हुआ
  • असामान्य व्यवहार
  • स्वाद में बदलाव
  • कब्ज
  • चक्कर आना
  • तंद्रा
  • सरदर्द
  • चक्कर
  • जी मिचलाना
  • घबराहट
  • पेट दर्द या बेचैनी
  • नींद न आना
  • योनि की खुजली और डिस्चार्ज
  • उल्टी

‌‌‌यदि आपको उपर दिये गए नुकसान दिखाई देते हैं तो आपको दवा को लेना बंद कर देना चाहिए और उसके बाद आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।

levofloxacin tablet का उपयोग क्या गर्भवती महिलाओं के लिए किया जा सकता है ?

levofloxacin tablet  का उपयोग गर्भवती महिलाएं वैसे तो कर सकती हैं। लेकिन इसके लिए आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।  यदि आप पहले से कोई दवा ले रही हैं तो फिर आपको इस दवा का उपयोग नहीं करना चाहिए ।

levofloxacin tablet का उपयोग क्या स्तनपान करने वाली महिलाएं कर सकती हैं ?

levofloxacin tablet  का उपयोग वैसे तो स्तनपान करने वाली महिलाएं कर सकती हैं। लेकिन आपको इसके बारे मे एक बार डॉक्टर से सलाह लेनी जरूरी होगी । और बिना डॉक्टर की अनुमति के इस दवा का उपयोग आपको नहीं करना चाहिए ।

levofloxacin tablet का सेवन करने से गुर्दे पर क्या असर पड़ता है

levofloxacin tablet  का सेवन करने से गुर्दे पर किसी  भी तरह का बुरा असर नहीं पड़ता है। आप इस बात को समझ सकते हैं। लेकिन यदि आपको पहले से ही गुर्दे की समस्या है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।

levofloxacin tablet का सेवन करने से लिवर पर क्या असर होता है ?

दोस्तों levofloxacin tablet  का सेवन करने से लिवर पर किसी भी तरह का बुरा असर नहीं होता है लेकिन यदि आप पहले से ही लिवर से जुड़ी हुई कोई दवा का सेवन कर रहे हैं तो आपको इस दवा को लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

levofloxacin tablet  का हर्ट पर क्या असर पड़ता है ?

दोस्तों levofloxacin tablet   का हर्ट पर कोई भी बुरा असर नहीं पड़ता है। यदि आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो डॉक्टर की सलाह पर करें । यदि आपको किसी तरह की हर्ट की बीमारी है तो इस दवा का इस्तेमाल डॉक्टर पूछ कर ही करना चाहिए आप इस बात को समझ ‌‌‌ सकते हैं।

levofloxacin tablet  का सेवन करने से आदत लग सकती है ?

नहीं levofloxacin tablet   कोई नशा करने की दवा नहीं है। इसका सेवन करने से आपको किसी भी तरह की आदत नहीं लग सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । तो आप इसको डॉक्टर के परामर्श के बाद आसानी से छोड़ सकते हैं।

levofloxacin tablet  सेवन करने के बाद गाड़ी चला सकते हैं ?

levofloxacin tablet   आपके दिमाग को प्रभावित करती है। यदि आपने अभी दवा ली है तो फिर आपको कुछ समय के लिए आराम करना चाहिए । और उसके बाद ही आपको गाड़ी वैगरह चलानी चाहिए । नहीं तो नुकसान हो सकता है। इसके अलावा आपको भारी मशीनरी पर भी काम ‌‌‌ नहीं करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।

levofloxacin tablet का उपयोग मानसिक समस्याओं के अंदर किया जा सकता है ?

levofloxacin tablet   का उपयोग मानसिक समस्याओं के अंदर नहीं किया जा सकता है। कारण यह है कि यह मानसिक समस्यओं का इलाज करने की दवा नहीं है आप इस बात को समझ सकते हैं। इसलिए यदि आपको किसी तरह की मानसिक समस्या है तो फिर ‌‌‌ आपको उससे संबंधित डॉक्टर से परामर्श करना होगा तभी आपके लिए कुछ फायदेमंद हो सकता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।

levofloxacin tablet का सेवन करने के बाद क्या शराब पी सकते हैं ?

levofloxacin tablet का सेवन करने के बाद आप शराब नहीं पी सकते हैं क्योंकि शराब इस दवा के साथ क्रिया कर सकती है। इस दवा लेने के कई घंटों बाद आप शराब का सेवन कर सकते हैं तभी आपके लिए काफी अधिक फायदा हो सकता है आप इस बात को समझ सकते   ‌‌‌ हैं। और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

levofloxacin tablet की डोज लेना भूल गए हैं तो क्या करना चाहिए ?

दोस्तों यदि आप levofloxacin tablet  का डोज लेना भूल गए हैं तो अगली डोज लें और पहले वाली डोज को आपको छोड़ देना चाहिए आप इस बात को समझ सकते है। भूलकर भी आपको दो डोज एक साथ नहीं लेनी चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।

levofloxacin tablet को किस तरह से स्टोर करना चाहिए ?

दोस्तों levofloxacin tablet  को सही तरह से स्टोर करना काफी अधिक जरूरी हो जाता है आपको इस दवा को धूप के अंदर नहीं रखना चाहिए । यदि आप दवा को धूप के अंदर रखते हैं तो यह दवा बहुत ही आसानी से खराब हो जाएगी । ‌‌‌इसके अलावा आपको इस दवा को फ्रीज के अंदर भी नहीं रखना चाहिए । यह भी काफी अधिक जरूरी हो जाता है। क्योंकि यदि आप इसको फ्रीज के अंदर रखते हैं तो भी यह दवा खराब हो सकती है। आप इसको कमरे के ताप पर रख सकते हैं। लेकिन बच्चों की पहुंच से दूर रखना जरूरी होता है।

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